Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
CG NEWS:वन्देमातरम् मित्र मंडल की साप्ताहिक बैठक 12 जनवरी को, डॉ. पवन विजय संबोधित करेंगे

CG NEWS:बिलासपुर।  वन्देमातरम् मित्र मण्डल की 179 वीं  साप्ताहिक बैठक 12 जनवरी रविवार को स्मार्ट रोड स्थित संजीवनी नर्सिंग होम के ऑडिटोरियम में दिन के समय 3.59 बजे से आयोजित की गई है। बैठक में आई. पी. विश्व विद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर डॉ पवन विजय “सांस्कृतिक मार्क्सवाद और मास्क मैनिफेस्टो” पर भाषण देंगे ।

यह जानकारी देते हुए वन्देमातरम मित्र मंडल के महेन्द्र जैन ने बताया कि डॉ. पवन विजय मूलतः जौनपुर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचल के रहने वाले हैं । उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में तथा तथा उच्च शिक्षा कानपुर विश्वविद्यालय से हुई है। इन्होने विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक प्राप्त किया, वर्तमान में डॉ. विजय आई पी विश्वविद्यालय में भारतीय इतिहास और समाज विषय पर अध्यापन कार्य करते हैं।

डॉ पवन विजय अपने उत्तर आधुनिक विमर्श के लिए जाने जाते हैं। समाज की मुख्यधारा के अलावा विशेष रूप से  हाशिये पर खड़े लोगों की भावनाओं, मनोविज्ञान, उपलब्धि और वंचनाओं का प्रकार्यात्मक विश्लेषण डॉ. विजय के साहित्य की प्रमुख विशेषता है। एक साथ कई आयामों पर काम करना डॉ. विजय की विशेषता है , वे साहित्यकार होने के साथ-साथ समाजशास्त्री, स्तंभकार, सामजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद हैं। डॉ पवन विजय ग्रामीण रूढ़ियों को विलोपित करने हेतु विभिन्न प्रकल्पों पर कार्यरत हैं।

विभिन्न विषयों पर डॉ विजय ने दर्जनों पुस्तकें लिखी हैं। इनकी लिखी पुस्तकें विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाती हैं। डॉ विजय समकालीन साहित्यकारों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। बोलो गंगापुत्र और फरवरी नोट्स जैसे उपन्यास के लेखक डॉ विजय ने बाल साहित्य पर भी कार्य किया है।इनका काव्य संग्रह कस्तूरी उस घाट मिलेगी पाठकों द्वारा खूब सराहा गया है। ग्राम जीवन पर आधारित पुस्तक जोगी बीर के माध्यम से वे प्रेमचंद की लेखन परम्परा का स्मरण कराते हैं। डॉ विजय  के चालीस से अधिक शोधपत्र विभिन्न सेमिनार, कॉन्फ्रेंस और शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं ।

https://cgwall.com/cg-news-dr-pawan-vijay-will-address-the-weekly-meeting-of-vande-mataram-mitra-mandal-on-12-january/