रायपुर : पिछले कुछ महीनो से छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मामला गरमाया हुआ है। कांग्रेस विधायक इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर से राजभवन राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन से मुलाकात करने पहुंचे। बता दें कि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी वर्ग के विधायकों ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि आरक्षण बिल पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर किया जाये, ताकि प्रदेश के युवाओं को रोजगार और आरक्षण के तहत मिलने वाले अधिकार दिये जा सकें।
वहीं मीडिया से चर्चा करते हुए आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि राज्यपाल दवाब में हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल से मुलाकात अच्छी रही । राज्यपाल का जवाब हमारी मंशा के अनुरूप नहीं रहा, उन्होंने कहा कि ठीक है दिखा लेते हैं, परीक्षण कराते हैं। लगता है राज्यपाल दवाब में है। हमने राज्यपाल से आरक्षण संसोधन विधेयक पर जल्द हस्ताक्षर करने की मांग की। राज्यपाल से मुलाकात करने मंत्री लखमा के अलावा विधायक सत्यनारायण शर्मा, सेवनलाल चंद्राकार, शिशुपाल सोरी, सावित्री मंडावी, विनय जायसवाल, चन्द्रदेव राय, लक्ष्मी ध्रुव, रामकुमार यादव भी पहुंचे थे।
वहीं भाजपा नेता और पूर्व सीएम रमन सिंह ने इस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राजभवन नियम कायदों से चलता है, किसी के दवाब से नहीं चलता है। पूर्व सीएम ने आगे कहा कि राज्यपाल सर्वोच्च पद होता है, संविधानिक पद होता है, राज्यपाल नियम कायदे कानून से काम करते हैं, राज्य सरकार के निर्देश पर नहीं विधि विशेषज्ञों की राय लेकर वह अपनी बात करते हैं, इस प्रकार की राजनीतिक टिप्पणी राज्यपाल पर किया जाना छत्तीसगढ़ में ही देखने को मिलता है, राज्य सरकार के मंशा अनुरुप गवर्नर नहीं चलेंगे, सरकार दबाव डालेगी तो नहीं होगा।
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