बिलासपुर। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल के द्वारा एफआईआर रद्द करने के लिए लगाई गई याचिका में अदालत ने पीड़िता को नोटिस जारी किया है। आज हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी थी, जिसमे प्रार्थिया को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को निर्देशित किया गया है। प्रार्थिया का पक्ष सुनने के बाद मामले में कोई भी निर्णय अदालत लेगी। प्रार्थिया को 24 फरवरी तक अपना पक्ष रखने को निर्देशित किया गया है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल के खिलाफ पीड़िता ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने व गर्भपात करवाने की एफआईआर दर्ज करवाई है। इस मामले में एक्ट्रोसिटी की धारा भी जुड़ी है। जिसके बाद जांजगीर एसडीओपी चंद्रशेखर वर्मा मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस पलाश चंदेल की गिरफ्तारी के लिए छापा मार रही है। इस बीच पलाश चंदेल ने अपने ऊपर हुए एफआईआर को झूठा बताते हुए रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका में बताया गया है कि प्रार्थिया आरोपी पलाश से 10 वर्ष बड़ी है और पहले से ही शादीशुदा है। लिहाजा उसे शादी का झांसा देने का सवाल ही नहीं उठता। साथ ही जांजगीर की घटना का रायपुर में एफआईआर किया गया है जो षड्यंत्र की ओर इशारा करती है। लिहाजा एफआईआर को रद्द किया जाए।
मामले की सुनवाई आज हाई कोर्ट में जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच में होनी थी, जहां से प्रार्थिया को मामले में नोटिस जारी कर 24 फरवरी तक अपना पक्ष रखने को कहा गया है। प्रार्थिया का पक्ष सुनने के बाद अदालत एफआईआर रद्द करने या नही करने पर अपना निर्णय लेगी।
वही कानून के जानकारों के मुताबिक एक्ट्रोसिटी के मामलों में यदि एफआईआर रद्द करने की याचिका लगाई जाती है या फिर जमानत के लिए याचिका लगाई जाती है तो पहले नियमों के मुताबिक प्रार्थी पक्ष को नोटिस जारी कर अदालत उसका पक्ष सुनती है।