Chhattisgarh Budget Story: रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को अपने कार्यकाल का पांचवां बजट पेश करेंगे. उन्होंने कहा है कि यह भरोसे का बजट होगा. यानी घोषणा पत्र में जो घोषणाएं की गई थीं, उस पर अमल होने की उम्मीद बढ़ गई है. इसमें सबसे बड़ी उम्मीद कर्मचारियों के नियमितीकरण और 2500 रुपए हर महीने बेरोजगारी भत्ते के प्रावधान को लेकर है. चुनावी वर्ष में बड़ी घोषणाओं के साथ साथ लोक लुभावन घोषणाओं पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई हैं, इसलिए उम्मीद है कि बजट का आकार इस बार एक लाख दस हजार करोड़ हो सकता है. पेश है छत्तीसगढ़ के बजट पर यह खास स्टोरी…
कोरिया राजघराने के राजकुमार के पास थी खजाने की चाबी
मध्यप्रदेश से अलग होकर जब अलग छत्तीसगढ़ राज्य बना, तब अजीत जोगी मुख्यमंत्री बने और कोरिया राजघराने के राजकुमार रामचंद्र सिंहदेव को उन्होंने खजाने की चाबी सौंपी. नया राज्य था और सिंहदेव उसूलों के पक्के थे. किसी मुद्दे पर तो उन्होंने सदन के भीतर ही मुख्यमंत्री जोगी को कह दिया था कि उनके पास योजना के लिए पैसे नहीं हैं. खैर, बात बजट की हो रही है तो आपको बता दें कि सिंहदेव ने जो पहला बजट पेश किया वह 5705 करोड़ का था. इसके बाद उन्होंने 6870 करोड़ का दूसरा बजट पेश किया. तीसरे बजट में उन्होंने रिकॉर्ड 35% वृद्धि के साथ 9270 करोड़ का बजट पेश किया. यह चुनावी साल भी था. तीन साल के बजट में पूरा फोकस मूलभूत सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर पर था.
अमर अग्रवाल बने दूसरे वित्त मंत्री, तीन बजट पेश किया
राज्य निर्माण के तीन साल बाद जब चुनाव हुए तो सत्ता परिवर्तन हो गया. भाजपा की सरकार बनी और मुख्यमंत्री बने डॉ. रमन सिंह. उन्होंने अमर अग्रवाल को अपना वित्त मंत्री बनाया. छत्तीसगढ़ की स्थिति को देखते हुए अमर अग्रवाल ने कसा हुआ बजट पेश किया. सिर्फ एक प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9368 करोड़ रुपए का. राज्य के खजाने में किस तरह नया रेवेन्यू सोर्स जनरेट किया जाए, उस पर ध्यान दिया गया. इसके बाद 9% और 20% की वृद्धि के साथ दो बजट और पेश किया. इसके बाद राजनीति में कुछ उठापटक का दौर आया और अमर ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
डॉ. रमन ने संभाला वित्त विभाग और रच दिया इतिहास
अमर के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने वित्त विभाग का दायित्व अपने पास रख लिया. इसके बाद उन्होंने इतिहास रच दिया. मध्यप्रदेश में राघव जी ऐसे वित्त मंत्री थे, जिन्होंने 10 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन रमन ने 12 बार बजट पेश किया. पहला बजट 15510 करोड़ का था, जिसमें 26% की वृद्धि हुई थी. इसके बाद उन्होंने अपने कार्यकाल में बजट का आकार 83179 करोड़ तक पहुंचाया. इस दौरान छत्तीसगढ़ को कई महत्वपूर्ण योजनाएं मिलीं, जो देशभर में चर्चित हुईं.
भूपेश ने 6 अंकों तक पहुंचाया बजट को, नए छत्तीसगढ़ का दौर
छत्तीसगढ़ में 15 साल भाजपा के सरकार के बाद कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की. भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने. साथ में, वित्त विभाग के मंत्री भी. नवा छत्तीसगढ़ और न्याय का नारा दिया. इसके बाद गांव, गरीब और किसानों को लेकर योजनाएं बनीं. किसानों की कर्ज माफी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और खेतिहर न्याय योजनाओं ने देश में विकास एक नई राजनीति का दौर शुरू किया. भूपेश बघेल ने बजट को 6 अंकों में पहुंचा दिया.
वर्ष – बजट (करोड़ में)
2001-02 – 5705
2002-03 – 6870
2003-04 – 9270
2004-05 – 9368
2005-06 – 10218
2006-07 – 12310
2007-08 – 15510
2008-09 – 18286
2009-10 – 22211
2010-11 – 24685
2011-12 – 30726
2012-13 – 37574
2013-14 – 44169
2014-15 – 54710
2015-16 – 65013
2016-17 – 70059
2017-18 – 76032
2018-19 – 83179
2019-20 – 90910
2020-21 – 95650
2021-22 – 97106
2022-23 – 104000