Chhattisgarh Cabinet Meeting
रायपुर. छत्तीसगढ़ के एक लाख से ज्यादा संविदा, दैनिक वेतनभोगी और अनियमित कर्मचारियों को आज कैबिनेट की बैठक में नियमितीकरण की सौगात मिल सकती है. इसके अलावा लंबित महंगाई और गृह भाड़ा भत्ते का भी ऐलान हो सकता है.
सीएम हाउस में गुरुवार को सुबह 11 बजे सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होगी. डिप्टी सीएम के रूप में टीएस सिंहदेव की नियुक्ति के बाद यह पहली बैठक है. कैबिनेट की बैठक पर राज्य के कर्मचारियों और युवाओं के साथ सभी वर्ग की नजर है, क्योंकि राज्य सरकार नियमितीकरण के मुद्दे पर फैसला कर सकती है. कैबिनेट में पहले अनुपूरक बजट की मंजूरी दी जाएगी. पहला अनुपूरक बजट तीन करोड़ के आसपास के होने का अनुमान है. इसमें नियमितीकरण और कर्मचारियों के महंगाई व गृह भाड़ा भत्ते के लिए प्रावधान हो सकता है. इसके अलावा संशोधन विधेयक को मंजूरी मिल सकती है.
चुनावी घोषणा पत्र में वादा
कांग्रेस ने 2018 के अपने चुनावी जन घोषणा पत्र में सरकार के विभिन्न विभागों में काम करने वाले संविदा, दैनिक वेतन भोगी (दैवेभो) और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। यह वादा अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। कर्मचारी संगठन यह वादा पूरा करने के लिए लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। राज्य सरकार ने 2019 में ही कवायद शुरू कर दी थी, लेकिन अब तक विभागों ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है।
विधानसभा सत्र की वजह से घोषणा में हो सकती है देर
अफसरों के अनुसार विधानसभा के मानसून सत्र की अधिसूचना जारी हो चुकी है। ऐसे समय में सरकार विधानसभा के बाहर कोई भी बड़ी घोषणा करने से बचती है। चर्चा है कि छह जुलाई को कैबिनेट की बैठक में यदि इसको लेकर कोई निर्णय होता है तो बहुत संभव है कि इसकी घोषणा 18 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र के दौरान की जाए। वहीं, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सरकार यह घोषणा जरूर करेगी। ऐसे में सरकार के पास अभी 15 अगस्त तक का समय है।
केवल 24 विभागों ने ही भेजी है पूरी जानकारी
कर्मचारियों के नियमितकरण को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग बीते चार वर्षों में कई बार विभागों को पत्र लिखकर उनके यहां कार्यरत संविदा, दैवेभो और अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांग चुका है। विभागीय अफसरों के अनुसार अभी तक केवल 24 विभागों ने ही पूरी जानकारी भेजी है। बाकी 23 विभागों से अभी तक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा संविदा कर्मचारी
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा 25 हजार 738 संविदा कर्मचारी है। जीएडी को अभी तक जिन 24 विभागों ने जानकारी भेजी है उनमें कुल 36 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी है। स्वास्थ्य विभाग के बाद पंचायत विभाग में 5426 कर्मचारी हैं। वहीं, ऊर्जा विभाग में 2685, महिला एवं बाल विकास विभाग में 637, वन विभाग में 113, विमानन में 50, आईटी में 52 सहित अन्य शामिल हैं।
दैवेभो और अनियमित कर्मचारियों की संख्या 50 हजार से अधिक
जीएडी को विभिन्न विभागों से दैवेभो और अनियमित कर्मचारियों की जो जानकारी पहुंची है उसके अनुसार इनकी संख्या 50 हजार से कुछ अधिक है। इस श्रेणी के सबसे ज्यादा कर्मचारी पंचायत विभाग में हैं। वहां दैवेभो और अनियमित कर्मियों की संख्या 10 हजार से अधिक है। वहीं, वन विभाग में सात हजार 700 से अधिक हैं। वन विभाग में इनकी संख्या 6600 से अधिक है। पीडब्ल्यूडी में छह हजार, स्वास्थ्य में पांच हजार, कृषि में 4400, स्कूल शिक्षा में लगभग 2300 और खाद्य विभाग में 2100 के आसपास दैवेभो और अनियमित कर्मचारी हैं।
राजस्थान में नियम को मंजूरी
कांग्रेसशासित राजस्थान की गहलोत सरकार ने राजस्थान संविदा नियुक्ति से सिविल पद नियम 2022 को मंजूरी दे दी है। इससे वहां के एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों के नियमितिकरण का रास्ता साफ हो गया है।
तैयारी में मध्य प्रदेश सरकार भी
पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की सरकार भी संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का मसौदा तैयार हो गया है। इसे अंतिम रुप देने की प्रक्रिया चल रही है।