Chhattisgarh Employee News: बिलासपुर। कलेक्टोरेट कैम्पस के कार्यालयों से लेकर शिक्षकों, बाबुओं और विभाग के अधिकारियों को अब मुस्तैदी दिखानी ही पड़ेगी। लेट लतीफ के दिन अब लद गए। राज्य सरकार ने सीधे कलेक्टर्स व एसपी पर सख्ती दिखाई है। जाहिर है जब कलेक्टर्स व एसपी समय से पहले याने 10 बजे से पहले दफ्तर पहुंचेंगे तो फाइल उनके टेबल तक पहुंचाने वाले बाबुओंं को तो आना ही पड़ेगा। बाबूराज के दिन जल्द लदने वाले हैं। सरकार का शिकंजा भी उसी अंदाज में अब कसते जा रहा है। इसे सुशासन और गुड गर्वनेंस की दिशा में बढ़ा कदम माना जा रहा है।
शनिवार से पहले शुक्रवार तक की स्थिति में जिले में ऐसा एक भी दफ्तर नहीं जहां के विभागीय अधिकारी से लेकर बाबू तय समय पर दफ्तर पहुंचकर अपना कामकाज शुरू करते दिखाई दिए हो। राज्य शासन ने जब पांच दिनों का सप्ताह घोषित किया था तब दफ्तर का समय सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे नियत किया था। तय समय पर अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय में नजर नहीं आए, हां पांच दिनों का सप्ताह मनाना कभी नहीं भूले।
शनिवार और रविवार को छुट्टी मनाने के बाद भी सप्ताह के पहले दिन साेमवार को भी समय पर नहीं पहुंचते थे। अब ऐसा नहीं होगा। मनमानी और मौज के दिन लद गए हैं। अफसर से लेकर मातहतों को तय समय से पहले कार्यालय पहुंचना होगा।
0 तहसील से लेकर शिक्षा व अन्य विभागों में रहती है लोगों की भीड़
तहसील कार्यालय से लेकर स्वास्थ्य व अन्य विभागों में कामकाज के सिलसिले मेंआने वालों की सुबह से ही भीड़ जुट जाती है। आमताैर पर इन विभागों में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की भीड़ ज्यादा रहती है। सुबह 11 बजे तक कार्यालय में अफसर से लेकर बाबुओं के आने का सिलसिला प्रारंभ होता है। काम का अंदाज आप ऐसे ही लगा सकते हैं कि कितने बजे से काम शुरू होता होगा और लोगों को किस हद तक राहत मिलती होगी। सरकार की कड़ाई का असर पब्लिक रूझान वाले दफ्तरों में दिखाई देगा। इससे लोगों को राहत मिलेगी।