Chhattisgarh Medical Education News: रायपुर। छत्तीसगढ़ की प्रायवेट विश्वविद्यालय की मजबूत लॉबी मेडिकल कोर्स चलाने के लिए पूरा जोर लगा डाली है। इसके लिए जो भी जोर-आजमाइश की जा सकती है, उसमें वे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मगर उनके प्रयासों को आज डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन ने झटका दे दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रायवेट यूनिवर्सिटीज को मेडिकल और नर्सिंग कोर्स चलाने के संबंधमें डीएमई का अभिमत मांगा था। डीएमई ने हेल्थ सिकरेट्री को भेजे अभिमत में स्पष्ट तौर पर कहा है कि इससे राज्य की जनता का बड़ा नुकसान होगा।
यदि चिकित्सा शिक्षा से संबंधित महाविद्यालयों को निजी विश्वविद्यालयों को सौपा जाता है तो चिकित्सा शिक्षा का व्यवसायिकरण हो जाएगा। जिससे आम जनता प्रभावित होगी। चूंकि चिकित्सा शिक्षा का क्षेत्र आम जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है एवं कोई भी संचालित निजी विश्वविद्यालय 20 वर्ष का अधिक नहीं है और न ही किसी के पास 20 हजार स्टूडेंट हैं। इसलिए मेरा अभिमत है कि चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत संचालित महाविद्यालयों को निजी विश्वविद्यालय को नहीं सौंपा जाए एवं निजी विश्वविद्यालयों जो कि चिकित्सा शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रमों का संचालित करते है, उक्त पाठ्यक्रमों का नियंत्रण वर्तमान व्यवस्था के तहत आयुष विश्वविद्यालय के अंतर्गत ही रखा जाना प्रस्तावित है। देखिए तीन पेज के अभिमत में उन्होंने और क्या लिखा है….