नई दिल्ली। भाजपा की एक उच्चस्तरीय बैठक मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पर हुई, जिसमें शीर्ष नेतृत्व ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को चुनने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श किया। सबसे ज्यादा मुश्किल राजस्थान और मध्य प्रदेश को लेकर हो रही है। बैठक में किन्हीं तीन नामों पर अंतिम फैसला नहीं हो सका। हालांकि पार्टी ने बैठक के एजेंडे या नतीजे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल थे। मीडिया को यही बताया गया कि बैठक संसदीय बोर्ड का कार्यक्रम तय करने के लिए बुलाई गई थी, जहां यह निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में जो तीनों राज्यों में से हर में विधायक दल की बैठकों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति पर निर्णय लेगा। यानी पीएम आवास की बैठक रणनीति के लिए बुलाई गई थी कि संसदीय बोर्ड की बैठक में चीजों को किस तरह पेश किया जाना है। क्योंकि संसदीय बोर्ड में शीर्ष नेतृत्व के अलावा भी भाजपा के अन्य नेता होंगे।
हालांकि अंतिम फैसला पीएम मोदी और उनके नंबर 2 अमित शाह को ही करना है। भाजपा के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी आलाकमान किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले जमीनी स्तर से मिले इनपुट का विश्लेषण करेगा। राजस्थान से जो सूचनाएं आ रही हैं, उनसे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को परेशान किया हुआ है। वहां शक्ति प्रदर्शन चल रहा है। वसुंधरा राजे खेमे के विधायक एक तरह से शक्ति प्रदर्शन पर उतरे हुए हैं। कुछ ने बयान तक दिए हैं कि वसुंधरा को सीएम बनाया जाए। भाजपा में यह सब पसंद नहीं किया जाता।