टीआरपी डेस्क
रायपुर। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नीति अनुसंधान टीम के गठन पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता और नीति के संकट से जूझ रही भाजपा ने नीति अनुसंधान टीम तैनात की है। यह टीम ऐसी नीतियों की खोज करेगी, जो भाजपा के चाल चरित्र और चेहरे के अनुरूप घातक, विध्वंसक और शांति, सौहार्द, विकास विरोधी हों। इससे समझा जा सकता है कि यह पार्टी मानसिक तौर पर कितनी खोखली हो चुकी है। कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए न तो कोई नीति है, न नीयत है और न ही कोई ऐसा नेता है जिसे वह जनता के सामने पेश कर सके।
भाजपा पहले से ही मुद्दों के अकाल से जूझ रही है। कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने उसे मुद्दाविहीन कर रखा है। भाजपा के पास चुनाव में उतरने के लिए न कोई मुद्दा है और न ही माद्दा है। अब तो यह भी स्पष्ट हो गया कि भाजपा के पास कोई नीति ही नहीं है। चुनाव सिर पर है तब भाजपा नीति खोजने के लिए कमेटी बना रही है। भाजपा की इससे ज्यादा दुर्गति और क्या हो सकती है। वह 15 साल तक अनीतियों पर आधारित राज चलाती रही तो अब कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए नीतियां तलाश रही है। इसका मतलब है कि भाजपा के पास न नीति है न नीयत है न नेता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा परजीवी हो गई है। वह नकारात्मकता के जरिए सकारात्मकता का मुकाबला करना चाहती है। समाज में वैमनस्यता का जहर सींचना चाहती है। शांत छत्तीसगढ़ को सांप्रदायिकता की आग में झोंकना चाहती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर इनके पनामा ब्रांड घोटाला किंग तक सारे नेताओं के बयान साबित कर रहे हैं कि भाजपा की असल नीति क्या है। जब भाजपा की सारी तिकड़म नीतियां फेल हो गई।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की राजनीतिक स्थिति यह है कि उसके वरिष्ठतम नेताओं में से एक दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने कांग्रेस की नीतियों और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन कल्याणकारी कार्यों से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल होना पसंद किया। लगातार भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे है। जिस पार्टी में कोई नीति ही न हो उसमें कोई भला नेता कैसे रह सकता है। यह पार्टी भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं की पार्टी बनकर रह गई है जिसके पास अब जनता को दिखाने के लिए चेहरा भी नहीं है।