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ED Raid in Chhattisgarh छापे से ज्यादा नाम की चर्चा : छत्तीसगढ़ के सभी बड़े-छोटे दफ्तर से लेकर हर वर्ग में रही छापे की चर्चा, कोर्ट तक इंतजार

रायपुर. छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कई टीमों ने मंगलवार और बुधवार को छापेमारी की. इसके बाद गुरुवार शाम तक दर्जनभर से ज्यादा दिग्गजों को ईडी दफ्तर बुला लिया. शुक्रवार शाम तक यह ऊहापोह की स्थिति बनी रही कि ईडी किसी को कोर्ट पेश करने जा रही है या नहीं. दिग्गजों से जुड़ा मसला होने के कारण लोगों में भयवश जिज्ञासा रही.

राज्य में कोल परिवहन में कथित लेवी के मामले में ईडी ने सबसे पहली छापेमारी की थी. इसके बाद मंगल और बुधवार को जो छापे पड़े, उसका लिंक शराब के कारोबार से था. शराब कारोबार से जुड़े अमोलक सिंह भाटिया, बलदेव सिंह भाटिया जैसे नाम चौंकाने वाले थे. कमल सारडा जैसे उद्योगपति के यहां भी ईडी की टीम पहुंची. आबकारी विभाग के चर्चित अधिकारी एपी त्रिपाठी के अलावा राजधानी रायपुर के मेयर एजाज ढेबर और अनवर ढेबर के यहां भी ईडी ने छापेमारी की.

बुधवार को छापे के बाद यह स्थिति बनी थी कि राजधानी रायपुर और नवा रायपुर स्थित आबकारी के दफ्तर ही नहीं, बल्कि दूरदराज के जिलों में भी आबकारी दफ्तरों में ईडी छापे का भय दिखा. आबकारी मुख्यालय से कई अफसर गायब हो गए थे. गुरुवार को दोपहर अचानक यह खबर आई कि ईडी कुछ लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने वाली है. बड़ी संख्या में पुलिस बल ने जिला एवं सत्र न्यायालय को सुरक्षा घेरे में ले लिया. हालांकि शाम 6 बजे के बाद सारे पुलिसवाले हट गए.

इसके बाद पचपेड़ी नाका पुजारी पार्क स्थित ईडी के दफ्तर के बाहर शराब कारोबारियों से जुड़े लोगों का जमावड़ा हो गया. देर रात तक सभी बने रहे. ईडी दफ्तर में शराब कारोबारी, उद्योगपति के अलावा कुछ अधिकारियों को भी बुलाया गया था. इससे इनकी गिरफ्तारी की आशंका बलवती हो गई थी. हालांकि देर रात तक एक-एक कर छोड़ने की जानकारी आने लगी. दर्जनभर लोग जो ईडी दफ्तर में थे, उन्हें अलग-अलग तारीख में पेश होने के लिए समंस थमाकर जाने दिया गया.

छत्तीसगढ़ में ईडी की जांच शुरू होने के बाद यह पहला अवसर था, जब इतनी बड़ी संख्या में एक साथ लोगों को दफ्तर में बुलाया गया था. इस वजह से सभी वर्ग में इसकी चर्चा रही. मंत्रालय से लेकर पुलिस मुख्यालय, इंद्रावती भवन, सारे छोटे-बड़े दफ्तरों में लोग यह चर्चा करते रहे. इससे पहले जब कोल परिवहन में कथित लेवी के मामले में भी दर्जनभर से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, लेकिन तब पहले दिन आईएएस समीर विश्नोई, वकील लक्ष्मीकांत तिवारी, कोल कारोबारी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद चर्चित कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी हुई थी.

पूछताछ के मामले में एक अप्रैल को सुनवाई

ईडी ने रायपुर सेंट्रल जेल में बंद आईएएस विश्नोई सहित अन्य से जेल के अंदर पूछताछ के लिए अर्जी लगाई थी. उस समय स्पेशल जज ने अगली तारीख दे दी थी. इस पर एक अप्रैल को सुनवाई होगी. इसके फैसले के आधार पर ईडी आगे की कार्यवाही करेगी. वहीं, अधिकारी सौम्या चौरसिया की जमानत की अर्जी पर शुक्रवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी और चार अप्रैल की तारीख तय की गई है.

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