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Gandhi Jayanti 2022: रोजाना इस स्कूल में होती है बापू के प्रिय भजन से कक्षा की शुरुआत, ये है महात्मा गांधी के 15 अनमोल वचन, जो बदल देंगे आपका जीवन
नेशनल डेस्क। देशभर में आज 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती मनाई जा रही है। यह दिन हर भारतीय के लिए बहुत खास होता है। क्योंकि आज के दिन हमारे राष्ट्रपिता यानी कि मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। बापू सत्य, अहिंसा और सादगी की मिसाल थे। उनके आदर्शों का लोग आज भी पालन करते हैं। महात्मा गांधी ने हर वर्ग को देश सेवा, सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है और आज भी हजारों लोग उनके विचारों से प्रेरित होते हैं।
बता दें मध्यप्रदेश में एक ऐसा स्कूल हैं, जहां हर दिन छात्रों के दिन की शुरुआत बापू के प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम’ से होती है। प्रदेशभर के लोग इस स्कूल के बारे में जानते हैं। क्योंकि 175 साल से भी ज्यादा पुराने इस स्कूल की पहचान है गांधी टोपी, जिसे लगाकर बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।
सत्य और अहिंसा के पुजारी थे बापू
आज भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बापू की जयंती मनाई जाती है। महात्मा गाँधी जिन्हें हम प्यार से बापू कहते है, भारत स्वतंत्रता संग्राम के शीर्ष नेताओं में से प्रमुख थे। राष्ट्रपति सत्य और अहिंसा के वो पुजारी थे। उन्होंने बिना कोई अस्त्र शस्त्र उठाये अंग्रेजों को झुका दिया। देश को आज़ाद कराया जो 200 वर्षो से गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। वे करोड़ों देशवासियों के जीवन में बदलाव लाना चाहते थे।
महात्मा गांधी के अनमोल विचारों का करें मार्गदर्शन
कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते। क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है।
खुशियां तभी हैं जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, वह सामंजस्य में हों।
इंसानियत पर कभी भी भरोसा नहीं तोड़ना चाहिए, क्योंकि इस दुनिया में इंसानियत एक ऐसा समुद्र है जहां अगर कुछ बूंदें गंदी हो भी जाएं, तो भी समुद्र गंदा हो जाता है।
कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा के जीने वाले हो।
व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है, वह जो सोचता है, वह बन जाता है।
ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है, यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।
पहले वो आपको अनदेखा करेंगे, उसके बाद आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे।
चाहे धन, मान, कुटुम्ब और प्राणों तक का त्याग करना पड़े, पर धर्म को कदापि न छोडा जाए।
विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।
पहले वह आपकी उपेक्षा करेंगे, उसके बाद आप पर हसेंगे, उसके बाद आपसे लड़ाई करेंगे, उसके बाद आप जीत जाएंगे।
हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा। 12.धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है।
पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं।
सच्ची अहिंसा मृत्युशैया पर भी मुस्कराती रहेगी। अहिंसा ही वह एकमात्र शक्ति है जिससे हम शत्रु को अपना मित्र बना सकते हैं और उसके प्रेमपात्र बन सकते हैं।
आप जो भी करते हैं वह कम महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप कुछ करें।