Guru Purnima 2023 in Aghor Pith Varanasi: वाराणसी। गुरू पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर सर्वेश्वरी समूह के अध्यक्ष पूज्यपाद औघड़ बाबा गुरुपद संभव राम जी ने मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुरुओं, संतों, महापुरुषों के बताए गए मार्ग पर चलने से सबका कल्याण होगा। प्रस्तुत है सवाल जवाब…
गुरुजी! गुरुपूर्णिमा के अवसर पर आप जनमानस को क्या सन्देश देना चाहेंगे ?
हम तो यही चाहते हैं कि अपने राष्ट्र का जो जनमानस है, जो इस देश का अन्न-जल ग्रहण कर रहे हैं, वह बहुत अच्छे से, भाईचारे के साथ रहें | सुख-शांति और स्थिरता से रहेंगे तो जो हमारा परम लक्ष्य है उसको प्राप्त करने की ओर अग्रसर होंगे| उस परम सत्य को पाना ही जीवन का परम लक्ष्य है | मनुष्य जीवन बार-बार मिलता भी नहीं है | इसीलिए हमलोग प्रयत्नशील रहते हैं कि जो ऊहापोह में पड़े हैं, परेशानियों में पड़े हैं उनकी परेशानियाँ दूर हों | परेशानियाँ तो मान लीजिये रहेंगी ही, लेकिन अपने आत्मबल से अपने-आपको ऊपर उठाकर, अपने संस्कार और संस्कृति की रक्षा करते हुए हमलोग उस परम सत्य की ओर अग्रसर रहें | प्रयत्न करें कि हमारा जन्म कम-से-कम मनुष्य योनि में ही हो | हमलोग प्रार्थना करते हैं उस अज्ञात से कि हमारे जो भी सहयोगी हैं, हमारे जो देशवासी हैं, उनको सद्बुद्धि हो, सही रास्ते पर चलें| लोगों को अच्छा देखने-सुनने को मिले, क्योंकि आजकल जो दिखाई-सुनाई पड़ रहा है, वह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है| हम चाहते हैं कि आपलोगों की तरफ से भी लोगों को अच्छी चीजें पढ़ने-सुनने और देखने को मिलें तो धीरे-धीरे लोगों का मन भी बदलेगा | यदि खराब चीजें ही देखते-सुनते या पढ़ते रहेंगे तो हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ी के मन-मस्तिष्क पर खराब ही असर पड़ेगा |
पत्रकार द्वारा यह पूछने पर कि जो गलत राह पर चले गए हैं उनके लिए क्या सन्देश देना चाहते हैं?
पूज्य बाबा जी ने कहा कि उनके लिए तो यही है कि जो महापुरुष, गुरुजन, संत, सज्जन लोग कहते हैं, उस पर चलने का प्रयत्न करें तभी कुछ परिवर्तन हो सकता है| क्योंकि अपने कर्मों का फल हमें स्वयं भोगना पड़ता है | कहा भी गया है- ‘आज का कर्म कल का भविष्य|’ आजकल की शिक्षा-प्रणाली में इन बातों की कोई चर्चा नहीं है, नैतिकता नहीं है; केवल व्यावसायिक शिक्षा ही रह गई है | हमारा जो गौरवपूर्ण बीता हुआ कल रहा है, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने बलिदान दिए हैं, उनके बारे में विस्तार से लोगों को दिखाया-बताया जाय तो अच्छी प्रेरणायें मिलेंगी| लेकिन दुर्भाग्य से यह सब दिखाई-सुनाई नहीं पड़ता है| बुरी चीजें ही दिखाई-सुनाई पड़ती हैं तो लोग भी वैसे ही हो जाते हैं |
यह पूछे जाने पर कि एक राष्ट्र, एक कानून पर धर्म क्या कहता है ?
पूज्य बाबा जी ने कहा कि धर्म तो सबके लिए एक ही है भाई | सबलोग अच्छे से रहें, अच्छे से जीयें, अच्छी चीजों का पालन करें, नैतिकता का पालन करें, उनमें राष्ट्रीयता की भावना रहे तो यही धर्म है | बाकी तो सब अपना अलग-अलग करते हैं और उसी से लड़ाई-झगड़ा भी होता है| जितना धर्म-मजहब के नाम पर खून बहाया गया उतना तो लड़ाईयों में भी नहीं बहा है| इन्हीं सबको ध्यान में रखते हुए समाज में अपने-आपको प्रस्तुत करना है | अगुआ लोगों, बड़े लोगों का ही जनमानस अनुसरण करता है तो जैसा आपका-हमारा चरित्र होगा वैसा ही जनमानस भी होगा|
यह बातें अघोर-पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम के पुनीत प्रांगन में गुरुपूर्णिमा की पूर्व संध्या पर आयोजित पत्रकार-सम्मलेन में संस्था के अध्यक्ष पूज्यपाद औघड़ बाबा गुरुपद संभव राम जी ने पत्रकार बंधुओं के प्रश्नों के उत्तर में कहीं |