अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की मुख्यमंत्री नहीं बनने की पीड़ा फिर छलक गई. मीडिया से बातचीत के दौरान सिंहदेव ने कहा कि वे पहले भी बनना चाहते थे और आज भी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. मौका मिलता तो मैं क्यों नहीं बनना चाहता मुख्यमंत्री? सिंहदेव ने कहा कि ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को लेकर बंद कमरे में क्या बात हुई, उस पर किसी दिन बोलेंगे.
अंबिकापुर में मीडिया से बातचीत में सिंहदेव ने कहा, ‘मुख्यमंत्री तो मैं आज भी बनना चाहता हूं. पहले भी बनना चाहता था. मुझे लगता है कि मुझमें कुछ सीमित हैं, लेकिन क्षमताएं हैं. मुझे लगता है कि मैं लोगों के संपर्क में हूं. मुझे लगता है कि मैं भी छत्तीसगढ़ के लिए काम कर सकता हूं. मौका मिलता तो मैं क्यों नहीं मुख्यमंत्री बनना चाहता. ये जो बात है, वह पार्टी के दायरे के अंदर की बात है.
मैंने बताया कि हम लोग जब चुनाव लड़े थे, तो कोई मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं था. चुनाव के बाद चार लोगों को दिल्ली बुलाया गया, डॉ. चरणदास महंत, ताम्रध्वज साहू, भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव को. चार लोगों को जब दिल्ली बुलाया गया तब यह लगा कि अब मुख्यमंत्री इन चार लोगों में से बनेंगे.
अंतत: भूपेश बघेल जी का नाम घोषित हुआ. मीडिया में यह चर्चा चलती रही ढाई-ढाई साल वाली. वह मीडिया में ही रही. बंद कमरे में क्या हुआ, वह बोलने के लिए मैं अभी स्वतंत्र नहीं हूं. किसी दिन बोलूंगा. मैं जानता हूं, मैंने आंख से देखा, कान से सुना. 75 के पार सीटें ले जाएंगे तो आज जो मुख्यमंत्री हैं, वे ही मुख्यमंत्री बनेंगे. सरगुजा का परिणाम मतदाता तय करेंगे.