Holika Dahan: आज होलिका दहन है तो कल यानी 25 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी. होलिका दहन के समय अग्नि पूजा का सबसे अधिक महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, होलिका दहन हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को किया जाता है। होलिका दहन के दिन शुभ मुहुर्त में घर के पास चौराहे पर सूखी लकड़ियाँ इकट्ठा करके, होलिका का पूजन करके और फिर उसकी परिक्रमा करके होलिका दहन किया जाता है। होलिका में कुछ चीजें चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है।
आज फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि है और आज रात को होलिका दहन किया जाएगा। इस बार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि दो दिन 24 और 25 मार्च को पड़ रही है। आज रात होलिका दहन होगा. होलिका दहन के दिन रात्रि जागरण और मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ होता है। होलिका की रात मंत्र जाप करने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इसके अलावा होलिका की राख को बहुत पवित्र माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन की राख को पानी में मिलाकर स्नान करने से ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। होलिका दहन के बाद उसकी राख का तिलक लगाएं।Holika Dahan
होलिका पूजन के दिन निर्धारित स्थान को गंगाजल से शुद्ध करके उसमें सूखे उपले, सूखी लकड़ियाँ, सूखी घास आदि रखें और फिर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। पूजा में एक लोटा जल, माला, रोली, चावल, गंध, फूल, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बतासे, गुलाल और नारियल के साथ नई फसल के अनाज जैसे पके चने की बालियां और गेहूं की बालियां, गाय का गोबर।
एक ढाल और लकड़ी से बने अन्य खिलौने भी लें। कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटकर, लोटे से शुद्ध जल और अन्य सामग्री चढ़ाकर होलिका का पूजन करें और मंत्र का जाप करें- अहकूट भयत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै। अत्स्वं पूययिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्। बोलें और पूजा के बाद अर्घ्य अवश्य दें. इस प्रकार होलिका की पूजा करने से घर में दुख और दरिद्रता का प्रवेश नहीं होगा।
आज पूरे देश में होलिका दहन का त्योहार मनाया जा रहा है. वैदिक पंचांग के अनुसार होलिका दहन की तिथि आज यानी 24 मार्च को सुबह 09:54 बजे शुरू हो गई है और 25 मार्च को दोपहर 12:29 बजे समाप्त होगी. इस बार होली पर भद्रा का प्रभाव रहेगा।
आज भद्रा काल सुबह 09 बजकर 24 मिनट से शुरू हो गया है और रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. भद्रा काल में होलिका दहन करना शुभ नहीं माना जाता है। यानी भद्रा काल की समाप्ति के बाद होलिका दहन किया जाएगा.Holika Dahan