NPG ब्यूरो. आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के दोषी बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. एसोसिएशन ने बिहार सरकार के फैसले की निंदा की है. साथ ही, यह फैसला वापस लेने कहा है. एसोसिएशन ने ट्वीट कर बिहार सरकार के फैसले पर निराशा जताई है.
दरअसल, आईएएस कृष्णैया की हत्या के दोषी पूर्व सांसद आनंद मोहन बिहार सरकार द्वारा नियम में एक बदलाव के कारण रिहा हो गए. बिहार सरकार ने कारा अधिनियम में बदलाव किया है. कारा हस्तक 2012 के नियम 481 आई में संशोधन कर सरकारी सेवक की हत्या को अपवाद की श्रेणी से हटा दिया गया है. इसी महीने 10 अप्रैल को इसकी अधिसूचना जारी की गई है. इसके बाद आनंद मोहन को रिहा कर दिया गया. इस बात पर आईएएस एसोसिएशन भड़का हुआ है.
बता दें कि आईएएस कृष्णैया की भीड़ ने पीट पीटकर नृशंस हत्या कर दी थी. तेलंगाना में जन्मे आईएएस अधिकारी कृष्णैया अनुसुचित जाति से थे. वे बिहार के गोपालगंज जिले के जिलाधिकारी थे. 1994 में जब मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहे थे, तभी भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी. हत्या की घटना के वक्त आनंद मोहन मौके पर मौजूद थे, जहां वह दुर्दांत गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा में शामिल हो रहे थे. इस मामले में 2007 में आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे 2008 में हाईकोर्ट ने उम्र कैद में तब्दील कर दिया था.