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IIT-Jodhpur ने विकसित की नई टेक्नोलॉजी ..वाहनों की चोरी, ट्रैफिक जाम और सड़क हादसे होंगे कम…

आईआईटी-जोधपुर ने इंटरनेट ऑफ व्हीकल्स नेटवर्क के माध्यम से ट्रैफिक जाम और रोड एक्सीडेंट कम करने के लिए नई टेक्नोलॉजी विकसित की है. कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग ने नोवेल मैक-बेस्ड ऑथेंटिकेशन स्कीन को बनाया है, जो वाहनों की चोरी को रोकने में भी कारगर साबित हो सकता है. आईआईटी के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग की नोवेल मैक-बेस्ड ऑथेंटिकेशन स्कीन का मकसद न केवल वाहन सुरक्षा और बुद्धिमत्ता को बढ़ाना है, बल्कि सड़क पर सामने आने वाली कई चुनौतियों को हल करना भी है.

संस्थान का कहना है कि यह सिस्टम सड़क की स्थिति, दुर्घटनाओं और वाहनों के बीच ट्रैफिक जाम पर रियल टाइम डेटा देकर सड़क सुरक्षा में योगदान दे सकता है. प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़े प्रोफेसर देबासिस दास के अनुसार, यह जानकारी ड्राइवरों को सूचित निर्णय लेने और खतरों से बचने में मदद कर सकती है.

इंटरनेट ऑफ व्हीकल्स नेटवर्क के जरिये जमा किए गए और साझा किए गए डेटा का एनालिसिस दुर्घटना-संभावित क्षेत्रों, जोखिम भरे व्यवहार के पैटर्न या सड़क की स्थिति की पहचान करने के लिए भी किया जा सकता है. इसमें सुधार की जरूरत है, ताकि अधिकारी इन्हें हल करने के लिए सक्रिय कदम उठा सकें.

इस सिस्टम से वाहनों की चोरी की घटनाओं में भी आएगी कमी

प्रोफेसर देबासिस दास ने बताया कि यह तकनीक वाहनों के इंटरनेट की सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए एक अभूतपूर्व समाधान है. इस तकनीक के साथ हमने डेटा सुरक्षा, संचार ओवरहेड और सुरक्षा कमजोरियों में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि NoMAS वाहनों की चोरी और अनधिकृत उपयोग से बचाने में भी मदद कर सकता है.

ड्राइवर के तनाव का स्तर भी नापा जा सकेगा

शोधकर्ताओं ने अगली पीढ़ी के परिवहन के लिए एक फेडरेटेड लर्निंग-बेस्ड ड्राइवर रिकमेंडेशन सिस्टम भी विकसित किया है. इसकी मुख्य विशेषता ड्राइविंग पैटर्न का विश्लेषण करके ड्राइवर के तनाव के स्तर को मापने की क्षमता है.

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