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Inside Story Of Siltara Ash Tragedy – राखड़ खदान हादसे में मौत का जिम्मेदार कौन ?..जांच जारी
Inside Story Of Siltara Ash Tragedy - राखड़ खदान हादसे में मौत का जिम्मेदार कौन ?..जांच जारी

विशेष संवादाता, रायपुर

रायपुर के सांकरा स्थित खतरनाक ढंग से निजी जमीन पर राखड़ डंप किया गया था। राख खदान में हुए हादसे की अब हैरान करने वाली जानकारियां सामने आईं हैं। धरसींवा पुलिस फ़िलहाल उन फैक्ट्रियों को शिनाख्त नहीं कर पाई है जो यहां बेपरवाही से राखड़ डाल रहे थे। पुलिस का कहना कि जिस जमीन पर यह हादसा हुआ है और तीन मासूम जाने चली गेन हैं उस जमीन मालिक को नोटिस जारी किया जा रहा है। साथ ही जांच बिंदुओं में सुरक्षा इंतज़ामात के अलावा फैक्ट्रियों को भी शामिल किया गया है। बताते हैं कि खदान में कोई सुरक्षा घेरा और चेतावनी नहीं देखि गई है। यह भी खबर आ रही है किआसपास की फैक्ट्रियों से निकली राखड़ डंप करने के एवज में जमीन मालिक को भुगतान भी किया जाता था।

बता दे कि सुबह के वक्त सांकरा बाजार बस्ती का रहने वाला 22 साल का पुनीत मनहरे अपनी मां मोहर बाई, पड़ोस में रहने वाली पांचो बाई और अपनी परिचित 15 साल की ललिता के साथ राख लेने गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि राख निकालते-निकालते जमीन का ऊपरी हिस्सा किसी छज्जे की तरह बन चुका था, इसके नीचे करीब 7 फीट गहरी जगह में जाकर ये राख निकाल रहे थे, तभी ऊपर का हिस्सा गिर पड़ा। तीनों नीचे दब गए थे। सभी जिम्मेदार विभागों की चूक का नतीजा एक दर्दनाक हादसे की वजह बना है। मृतकों के परिजनों को अब तक आर्थिक सहायता नहीं मिली है।

वक्त रहते बचाई जा सकती थी जिंदगियां

पुलिस को मौके पर पहुंचते और मलबा हटाते करीब 1 घंटे तक का वक्त बीत चुका था। ये 60 मिनट पुनीत, उसकी मां और पांचो बाई की जिंदगी के आखिरी 60 मिनट साबित हुए। जिंदा ही दफन हो चुके इन तीनों की कुछ देर बाद बाहर लाश निकाली गई। धरसींवा थाने के एएसआई प्रियेश जॉन ने बताया कि डॉक्टर्स ने इन्हें मृत घोषित कर दिया। बस्ती के लोगों ने बताया उन्हें भी काफी देर से खबर मिली। वक्त रहते मदद मिलती तो शायद तीन जिंदगियां बच सकती थीं।

फैक्ट्रियों से डम्प होती है राख

सिलतरा के सांकरा इलाके में खुले एरिया में राख डम्प होती है। ये राख सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों से निकलती है। यहां लाकर इसे फेंका जाता है। इसमें ज्वलनशील गुण होने की वजह से आस-पास के ग्रामीण इसे रसोई के ईंधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। लंबे वक्त से यहां आकर ग्रामीण इसी तरह जान को जोखिम में डालकर राख निकाल रहे थे।

पुलिस का कहना यह है

मामलें की गंभीरता को देखते हुए ज़मीन के मालिक को नोटिस दिया गया है, कई बिंदुओं पर जाँच पड़ताल भी ज़ारी है, जवाब मिलने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

शिवेंद्र राजपूत, थाना प्रभारी, धरसींवा

https://theruralpress.in/2023/02/02/inside-story-of-siltara-ash-tragedy-who-is-responsible-for-death-in-ash-mine-accident-investigation-continues/