चंडीगढ़। आईपीएस आशीष कपूर को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने गुरुवार को गिरफ्तार किया। वह पंजाब पुलिस में एआईजी के पद पर तैनात हैं। आशीष कपूर पर आईपीसी की धारा 7, 7-ए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988, पीसी (संशोधन) अधिनियम, 2018 और 420, 120-बी संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मामला 2016 के भ्रष्टाचार से जुड़ा है।
बताया जा रहा है कि एआईजी आशीष कपूर 2016 में सेंट्रल जेल अमृतसर में अधीक्षक पद पर तैनात थे। कुरुक्षेत्र की पूनम राजन से परिचित हुए थे, जो किसी मामले में जेल में न्यायिक रिमांड पर थीं।
पूनम राजन अपनी मां प्रेम लता, भाई कुलदीप सिंह और भाभी प्रीति के साथ जीरकपुर के एक थाने में एक मामले में पुलिस रिमांड में थी। आरोप है कि तब आशीष कपूर थाने गए और कथित तौर पर राजन की मां प्रेम लता को आश्वस्त किया कि वह अदालत से उनकी जमानत और बरी करने की व्यवस्था करेंगे। आईपीएस आशीष कपूर ने जीरकपुर के तत्कालीन एसएचओ पवन कुमार और एएसआई हरजिंदर सिंह की मिलीभगत से कथित तौर पर प्रीति को मामले में निर्दोष घोषित कर दिया।
आरोप है कि उन्हें इस काम के लिए एक करोड़ रुपये कि रिश्वत मिली। यह रिश्वत विभिन्न चेकों से दी गई। इन चेकों पर प्रेमलता के हस्ताक्षर थे। इन चेकों को आशीष कपूर ने अपने जानने वाले विभिन्न व्यक्तियों के अकाउंट में जमा कराए। बाद में उन्हें एएसआई के माध्यम से भुनाया। मामले में कपूर के साथ एसएचओ पवन और एएसआई हरजिंदर को भी गिरफ्तार किया गया है। आगे की जांच की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार 2019 के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। एक महिला द्वारा उन पर रेप और जबरन वसूली के आरोप लगाए गए थे।
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