रायपुर। पूरे प्रदेश में जल जीवन मिशन के हजारों करोड़ के ठेके चल रहे हैं, और प्राथमिकता के साथ इसका काम समय सीमा के भीतर पूरा करने का प्रयास भी किया जा रहा है। इसी आपाधापी के बीच विभाग में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे सैकड़ों करोड़ के ठेके हासिल करने की रणनीति तैयार की गई मगर ऐन वक्त पर की गई शिकायत के बाद जांच हुई और अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी साबित हुआ। ये प्रमाण पत्र नगर पालिक निगम के एक पार्षद के फर्म के नाम से तैयार किया गया था।
जल जीवन मिशन के मिशन संचालक आलोक कटियार द्वारा इस संबंध में जारी आदेश के मुताबिक भ्रष्टाचार निवारण समिति की ओर से शिकायत मिली थी कि बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा फर्जी पेपर लगाकर ज्वाइंट वेंचर दिया जा रहा है और इसके एवज में भारी भरकम राशि की वसूली की जा रही है। बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की कंपनी ने ओडिशा के अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे प्रदेश के कई ठेकेदारों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाया है। जिसमें अगमधाग MVS में 02 ठेकेदार मे. राधेश्याम अग्रवाल एवं में रत्ना खनिज उद्योग के साथ ज्वाईट वेंचर किया गया है। उक्त निविदाओं में शपथ पत्र के साथ जो अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न किये गये हैं, प्रथम दृष्टया त्रुटिपूर्ण होने की आशंका के कारण उन अनुभव प्रमाण पत्रों के सत्यापन हेतु इस कार्यालय से Executive Engineer, P.H. Division संबलपुर एवं भवानीपटना, ओडिशा को विशेष वाहक द्वारा भेजते हुए इसकी सूचना मिशन संचालक, जल जीवन मिशन, ओडिशा को प्रेषित किया गया।
इस पर कार्यपालन अभियंता, सम्बलपुर, ओडिशा के द्वारा पत्र क्रमांक 4182 दिनांक 12.05.2023 के माध्यम से अवगत कराया गया है कि मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा मल्टीविलेज स्कीम के निविदाओं में संलग्न अनुभव प्रमाण पत्र -” Construction of Balance work for Supply of Drinking Water to Rairakhol & Its adjoining areas from River Mahanadi at Klakata” अंतर्गत इंटेकवेल निर्माण, 15 मी. सरोजिंग एवं 06 मी. व्यास (अनुबंध क्र. P1-17/2017-18). वर्टिकल टरबाईन पंप स्थापना, 110 एच. पी. 02 नग (अनुबंध क्र. P1-17 / 2017-18) एवं वाटर टीटमेंट प्लांट निर्माण 340 एम.एल. डी. (अनबंध क्र. P1-17/2017-18) उनके कार्यालय द्वारा जारी नहीं किया गया है। इस प्रकार यह प्रमाणित होता है कि मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर के द्वारा निविदा दरतावेजों में फर्जी एवं कूटरचित अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न किया गया है, जो अत्यंत गंभीर एवं स्वप्रमाणित अपराधिक कृत्य है।
JJM उड़ीसा द्वारा प्रमाणपत्र जारी नहीं किये जाने की जानकारी दिए जाने के बाद छत्तीसगढ़ के जलजीवन मिशन संचालक अलोक कटियार ने बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को प्रदेश के समस्त जिलों में ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। अपने आदेश में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि वर्तमान में आमंत्रित 70 MVS की निविदाओं में भी बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा जॉइंट वेंचर दिए जाने की स्थिति निर्मित होने की पूर्ण आशंका है। चूंकि इनके द्वारा जमा अनुभव प्रमाण पत्र को जारीकर्ता कार्यालय द्वारा अमान्य कर दिया गया है, अतः उनके प्रमाणपत्र के आधार पर कोई भी निविदा भरता है तो उसे अपात्र माना जायेगा। साथ ही यह भी उल्लेख किया गया है कि भविष्य में कोई भी फर्म बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के प्रमाणपत्र का इस्तेमाल JV में करते हैं तो वे भी अपात्र माने जायेंगे।
मिशन संचालक द्वारा यह भी कहा गया है कि यदि बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग ठेके लेने में अन्य कंपनी द्वारा पहले भी किया गया होगा तो उसे भी अपात्र माना जाएगा। अलोक कटियार द्वारा मीडिया से चर्चा में कहा गया है कि किसी भी फर्म द्वारा टेंडर में कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है तो उन्हें न सिर्फ ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा, बल्कि इसे आपराधिक कृत्य मानते हुए ऐसी कंपनियों के खिलाफ FIR भी दर्ज कराया जायेगा।
दरअसल ये पूरा मामला नगर निगम रायपुर में निर्दलीय पार्षद अमर बंसल से जुड़ा हुआ है और बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी इन्हीं की फर्म है। बंसल ने TRP NEWS से चर्चा में कहा कि वे राजनीति का शिकार हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके द्वारा जमा प्रमाण पत्र सही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी फर्म ने उड़ीसा में JJM में 2017 से 2020 तक कार्य किया है, मगर न जाने JJM उड़ीसा ने प्रमाण पत्र जारी नहीं करने की बात कैसे कह दी। अमर बंसल ने यह भी बताया कि वे JJM उड़ीसा से नया अनुभव प्रमाण पत्र लेकर आज ही पहुंचे हैं। वे चाहते हैं कि वास्तविक तथ्यों का पता लगाकर उन्हें भी टेंडर में भाग लेने का मौका दिया जाये।
बता दें कि अमर बंसल कई आंदोलनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं। वहीं पिछले पंचवर्षीय में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें स्वच्छता अभियान में नगर निगम में ब्रांड एम्बेस्डर भी बनाया गया था।
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए JJM के मिशन संचालक से दूरभाष पर चर्चा करने का प्रयास किया गया। मगर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। वहीं जब उन्हें चर्चा के लिए मैसेज किया गया तो उन्होंने थोड़ी देर बाद अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया।
जल जीवन मिशन में अनुभवी कंपनियों से जॉइंट वेंचर बनाकर टेंडर लेने की प्रक्रिया जब से शुरू हुई है तब से यहां आये दिन टेंडर्स को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है। अब तक PHE विभाग में JJM के करोड़ों के टेंडर कैंसिल हो चुके हैं। यह नया मामला है जिसमे एक फर्म को जारी प्रमाण पत्र को फर्जी बताकर उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। बहरहाल देखना ये है कि विपक्ष के नेता का फर्म काली सूची में डाले जाने के बाद यह मामला क्या रंग लेता है।
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