विशेष संवादाता, रायपुर
छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। कांग्रेस, भाजपा समेत विभिन्न राजनीतिक दल प्रदेश में अपनी सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं। पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक पार्टी के दिग्गज नेता CG के विभिन्न मुख्य विधानसभा क्षेत्रों का दौरा भी कर रहे हैं। नड्डा से पहले अमित शाह भी आये थे। बस्तर की सारी 12 विधानसभा सीटों पर कोई भी पार्टी जीत दर्ज करती है तो सत्ता की कुर्सी पर बैठना आसान हो जाता है।
वर्तमान में बस्तर की सारी 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाकर रखा है। अब भाजपा के लिए बस्तर की सारी सीटों पर कब्जा जमाना एक बड़ी चुनौती होगी। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का बस्तर प्रवास बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वे बस्तर की सीटों पर फतह हासिल करने कार्यकर्ताओं को चुनावी मंत्र देंगे। ऐसे में उनके बस्तर आगमन से पूर्व लगातार माओवादियों द्वारा बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या से स्पष्ट हो जाता कि नक्सली केंद्र सरकार और बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होंगे। लगातार बीजेपी समर्थकों पर जानलेवा हमले से चुनावी मंत्र धरा का धरा रह जायेगा।
देखा जाये तो साल 2011 में बलिराम कश्यप की मौत के बाद बस्तर में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। यही वजह है कि कभी बस्तर की 12 विधानसभा सीटों में लगभग 10 सीटों पर अपनी पकड़ बनाने वाली भाजपा का अब सूपड़ा साफ हो गया है। आज स्थिति ये है कि बस्तर की 12 सीटें बीजेपी हार गई है। इसी वजह से अब राष्ट्रीय स्तर के भाजपा नेताओं को बस्तर में चिंतन शिविर भी करना पड़ा था। एक समय में यहां भाजपा के बलिराम कश्यप और कांग्रेस के महेंद्र कर्मा इन दोनों दिग्गज नेताओं का बड़ा नाम था। हालांकि, इन दोनों के निधन के बाद अब इलाके में कवासी लखमा का दबदबा भी देखने को मिलता है।