Matke ka pani/भीषण गर्मी के चलते मेवात जिले में इन दिनों देसी फ्रिज यानि मिट्टी के मटके की मांग बढ़ गई है। शहरों के साथ-साथ गांव में भी लोग मिट्टी के मटके खरीद रहे हैं।
हर साल की तरह इस बार भी मटके की दुकानों पर महंगाई का असर देखने को मिल रहा है। हालांकि, इसके बावजूद भी लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। इसके चलते मटके बनाने वाले कुम्हारों के चेहरों पर खुशी है।
दरअसल, इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है, हरियाणा के कई इलाकों में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। ऐसे में गर्मी की तपिश से गला तर करने के लिए लोग मिट्टी के मटके और सुराही आदि की खरीदारी करने में लगे हुए हैं।
फिलहाल फ्रिज के ठंडे पानी से परहेज कर अधिकतर लोग ठंडे पानी के लिए मिट्टी के मटकों का ही सहारा ले रहे हैं। इससे इन मिट्टी के बर्तनों की बिक्री में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। मिट्टी का मटका इन दिनों 80 रुपए से लेकर 200 रुपए तक बिक रहा है। बाजार में मटके और नल लगे मयूर जग जैसे डिजाइन के मटके भी उपलब्ध हैं।
सामान्य और छोटे मटके की कीमत कम है तो वहीं नल लगे मटकों की कीमत ज्यादा है। गांव के लोग सामान्य मटका खरीद रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शहरों में मयूर जग जैसे दिखने वाले नल वाले मटकों की मांग बढ़ी हुई है। डॉक्टर इलियास ने बताया कि देसी मटका में मिट्टी की खुशबू आती है जो बहुत अच्छी लगती है। मटके का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है। मटके के पानी को बीमार व्यक्ति भी पी सकता है।
इसके साथ ही मिट्टी के कारण इसमें काफी पोषण तत्व भी होते हैं। उन्होंने बताया कि मटके में मृदा के खास गुण होने के कारण पानी की अशुद्धियां दूर हो जाती हैं।
मटके का पानी शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर प्रतिरोध प्रणाली को बेहतर करता है। लोगों ने बताया कि इस समय मिट्टी के बर्तन लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। फ्रिज के पानी से गला खराब व अन्य प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं, इसलिए मटके का पानी पीना लोग पसंद कर रहे हैं।