विशेष संवादाता
रायपुर। विधायक-सांसद द्वारा स्वेच्छानुदान को लेकर स्वेछाचारिता के किस्से आए दिन चर्चा में रहते हैं। स्वेच्छानुदान के भी कुछ कायदे-कानून निर्धारित हैं। स्वेच्छानुदान का मतलब स्वेछाचारिता से जिसे पाया उसे दे दिया नहीं होता है, लेकिन मनेंद्रगढ़ के विधायक डॉ. विनय जायसवाल की स्वेच्छानुदान को लेकर स्वेछाचारिता के किस्से आए दिन चर्चा में रहते हैं। इस बार कांग्रेस विधायक जायसवाल ने भाजपा मंडल महामंत्री को स्वेच्छानुदान से 25000 की राशि का चेक दिया है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व में भी विधायक स्वेच्छानुदान की राशि इन्होने कभी कांग्रेस नेताओं, युवा कांग्रेस पदाधिकारी, एनएसयूआई नेताओं को, महिला कांग्रेस नेत्रियों को तो कभी मिडिया वालों को पैसा बांटते पाए गए थे। जबिक नियमानुसार इनका स्वेच्छानुदान की राशि पर कोई हक नहीं है। इस बार विधायक श्री जायसवाल ने चिरमिरी मंडल के भाजपा महामंत्री को स्वेच्छानुदान की राशि दे डाली है। भाजपा मंडल महामंत्री धर्मेंद्र त्रिपाठी को कांग्रेस विधायक ने स्वेच्छानुदान मद से 25 हजार की राशि का चेक अपने निवास पर दिया है और बकायदा फ़ोटो सेशन भी करवाया है। सोशल मीडिया में भाजपा मंडल महामंत्री को चेक देने वाली फ़ोटो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा, तब भाजपा मंडल महामंत्री ने बताया कि, ब्राह्मण समाज के लिए राशि ली है।
विधायक स्वेच्छानुदान की राशि गरीब या जरूरतमंदों को आकस्मिक आर्थिक मदद के लिए दी जाने वाली राशि के लिए विधायकों को जनसंपर्क निधि जारी करने का अधिकार दिया गया है। लेकिन इसका इस्तेमाल नेताओं को देने के लिए किया जा रहा है। इस राशि को सांस्कृतिक गतिविधियों, विभिन्न क्लबों और खेल के मैदानों के लिए भी किया जाता है। सवाल यह उठता है कि अगर इस तरह से नेताओं के पास यह राशि जाएगी तो जिसके पास जानी चाहिए उनका क्या होगा ?