MLA Vinay Jaiswal Biography in Hindi: पहली बार विधायक बने 48 वर्षीय विनय जायसवाल पेशे से डॉक्टर है। वे रैंगिग के चलते मेडिकल कॉलेज छोड़ कर वापस आ गए थे,फिर पिताजी की समझाईश पर वापस जाकर डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की। और एक सफल डॉक्टर बने। डॉक्टर विनय जायसवाल ने चिकित्सा के क्षेत्र में कई झंडे गाड़े है, और उन्हें कई अवार्ड चिकित्सा क्षेत्र में मिले। इसी तरह भले ही वह पहली बार विधायक चुने गए है, पर उनका समाजिक व राजनीतिक जीवन काफी लंबा रहा है।
विधायक विनय जायसवाल का जन्म 29 अप्रैल 1974 को चिरमिरी में हुआ था। उनके पिता रमेश चंद्र जायसवाल ग्राम बचरापोड़ी के रहने वाले थे। जो उनके जन्म से एक साल पहले ही 1973 को चिरमिरी शिफ्ट हुए थे। विनय जायसवाल ने सरस्वती शिशु मंदिर से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की। विनय के पिता रमेश चंद्र जायसवाल बताते हैं कि स्कूल जीवन से ही विनय को सामाजिक कार्यों में विशेष रूचि थी, और वह सामाजिक आयोजनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता था। फिर पीएमटी में चयन के बाद रीवा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया। विनय जायसवाल के पिता बताते है कि रीवा मेडिकल कॉलेज में होने वाली रैंगिग के चलते विनय मेडिकल की पढ़ाई छोड़ कर वापस घर आ गए थे, तब मैंने उन्हें समझाइश दी कि रैगिंग तो चलती रहेगी पर इसके वजह से कदम पीछे करना समझदारी नहीं होगी। जीवन में यदि आगे बढ़ना है तो इसे फेस करना होगा। तब विनय रीवा वापस गए और अपनी पढ़ाई शुरू की। बाद में भोपाल जाकर रायपुर मेडिकल कॉलेज में अपना ट्रांसफर करवा लिया। 1996 में उन्होंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की। 1998 में उन्होंने छात्र राजनीति की शुरुआत की और तकनीकी कॉलेजों के छात्रों की यूनियन के अध्यक्ष बने। मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करते हुए उन्होंने अपनी छात्र राजनीति जारी रखी। फिर एमबीबीएस पूरी होने पर 2001 में कोरिया जिले के खड़गांव में संविदा डॉक्टर के रूप में अपनी सेवा शुरू की। 3 साल सेवा देने के पश्चात उनका चयन पीजी के लिए हो गया। और उन्होंने पीजी करते हुए जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का पद भी संभाला। उन्होंने पीजी कर नेत्र रोग विशेषज्ञ की उपाधि हासिल की। साथ ही उन्होंने फेलोशिप इन कैको सर्जरी भी की है। पीजी करने के बाद उन्होंने रायपुर का रुख किया और वहां अपनी चिकित्सा सेवा शुरू की। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने ठान लिया था कि अपना चिकित्सकीय व्यवसाय शुरू करने के साथ ही समाज सेवा भी करेंगे। उन्होंने छोटे स्तर पर अपना चिकित्सकीय व्यवसाय शुरू किया और इसे बड़ा रूप देते हुए 2014-15 में राजधानी में भव्य मल्टीस्पेशलिटी की सुविधा वाले गणेश विनायक अस्पताल का शुभारंभ किया।
छात्र राजनीति के दौरान विनय जायसवाल कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। 2005 में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। रायपुर में चिकित्सा व्यवसाय करते हुए कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रहकर 2012 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष भी बने 2009 से 14 तक रायपुर डिविजन आफ आपथैलमिक सोसायटी के कोषाध्यक्ष भी रहे। राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत उन्होंने 20 हजार से ज्यादा मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए है। छत्तीसगढ़ में वी केयर वेलफेयर सोसाइटी के साथ कई स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया। चिकित्सा के क्षेत्र में उन्हें उत्कृष्टता के लिए राज्य धनवंतरी अवार्ड प्राइम टाइम अवार्ड एवं उत्कृष्ट आई हॉस्पिटल अवार्ड मिल चुका है।
विधायक विनय जायसवाल का विवाह 20 नवंबर सन 2002 को कंचन जायसवाल के साथ हुआ। उनकी धर्मपत्नी कंचन जायसवाल भी वर्तमान में चिरमिरी नगर निगम की महापौर है। उनके एक पुत्र और एक पुत्री हैं। स्थानीय निवास गोदरी पारा चीप हाउस चिरमिरी में है। राजधानी रायपुर में वे मैग्नेटो मॉल के पीछे सिगनेचर होम मकान क्रमांक 44 में रहते हैं। उन्हें गायन, शतरंज,क्रिकेट एवं पर्यटन में विशेष रूचि है। 2018 में वे प्रथम बार कांग्रेसी टिकट से निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 2 मनेंद्रगढ़ से विधायक चुने गए है। वहां कुल मतदाताओं की संख्या 131423 है। व कुल मतदान 73.93% जनता ने किया है। मतलब 97155 मतदाताओं ने वोटिंग की थी। जिसमें विनय जायसवाल को 35507 वोट मिले थे। उनके निकट प्रतिद्वंदी भाजपा के श्याम बिहारी जायसवाल को 31534 वोट मिले थे। 19-20 में सदस्य लोक लेखा समिति गैर सरकारी सदस्यों के विधायकों एवं संकल्प संबंधित समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे थे। उसके बाद 2020-21 में भी उन्होंने उक्त पद पर काम किया था। वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन के संचालक भी हैं। विधायक विनय जायसवाल की कुल घोषित संपत्ति तीन करोड़ 42 लाख रुपए है।
उन्होंने अपने विधानसभा में विकास के कार्य कार्य करवाए हैं जिसके तहत 7 नवीन पंचायत भवनों का निर्माण, पंचायतों में हाई मास्ट लाइट लगाना, पेयजल की व्यवस्था करना, उसलापुर में दो धान खरीदी केंद्रों को खुलवाना, चिरमिरी को पूर्णकालिक तहसील का दर्जा दिलवाना, चिरमिरी में ब्लड बैंक खुलवाना, चिरमिरी व मनेंद्रगढ़ में अंग्रेजी स्वामी आत्मानंद स्कूल खुलवाना, पुल पुलिया का निर्माण, सड़कों का निर्माण, वन अधिकार एवं जाति निवास पट्टे बनवाना के कार्य उन्होंने किए हैं। लिपकीय त्रुटि के चलते एसईसीएल से बर्खास्त हुए श्रमिकों के लिए भी उन्होंने आंदोलन किया था और उन्हें न्याय दिलाया था। सबसे महत्वपूर्ण काम उन्होंने मनेंद्रगढ़ व चिरमिरी को जिला बनवा कर किया। उन्होंने चिरमिरी में हॉर्टिकल्चर कॉलेज, 100 बिस्तरों का अस्पताल, एडवेंचर पार्क भी स्वीकृत करवाया है। जिसकी सुविधाएं जनता को जल्द ही मिलने लगेंगी ।
विधायक विनय जायसवाल के अनुसार मनेंद्रगढ़ विधानसभा अपने आप में एक अनोखा विधानसभा है, जिसमें कई अलग-अलग भूमिकाओं में जन सेवा करनी पड़ती है। विधायक जायसवाल के अनुसार मनेंद्रगढ़ में होते हैं तो उन्हें व्यापारी की भूमिका में होना होता है। यहां उन्होंने व्यापारियों को पट्टा दिलाना, मालिकाना हक दिलाने का काम किए। फिर भी चिरमिरी जाते है तो श्रमिक की भूमिका में आ जाते हैं। एसईसीएल से सैनिकों के मांग पूरा करने के लिए उन्होंने कई आंदोलन किए हैं, मांगे पूरी होने पर उन्हें बड़ा सुकून भी मिला है। और जब वे खड़गांव आते हैं तो उन्हें किसान की भूमिका में किसानों की समस्या निवारण करनी पड़ती है। उनका सपना जिले को विकास के सोपान में ऊंचाइयों तक ले कर जाने का है।