रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है. छत्तीसगढ़ के बड़े आदिवासी नेता नंदकुमार साय के इस्तीफे के बाद ऐसी खबरें आ रही है कि वे कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं. ऐसे समय में जब बस्तर और सरगुजा संभाग में भाजपा के पास एक भी सीट नहीं है, तब बड़े आदिवासी नेता के कांग्रेस प्रवेश की अटकलों के साथ ही उससे होने वाले नुकसान पर भी बहस छिड़ गई है. हालांकि नंदकुमार साय या उनके किसी समर्थक की तरफ से कांग्रेस जॉइन करने जैसी पुष्टि नहीं हो सकी है. साय का नंबर कवरेज एरिया में नहीं है. उनके समर्थक भी इस कदम पर आश्चर्य जता रहे हैं. दूसरी तरफ पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मीडिया से चर्चा में कहा है कि यदि साय कांग्रेस जॉइन करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है.
प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर अब लगभग 6 महीने का ही समय शेष है. भाजपा के बड़े नेता बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को चार्ज करने के लिए पसीना बहा रहे हैं. ऐसे समय में अचानक नंदकुमार साय जैसे बड़े नेता के इस्तीफे से पार्टी में हड़कंप है. सियासी गलियारे में यहां तक खबरें हैं कि साय ने सीएम हाउस में सीएम भूपेश बघेल से भेंट की है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर एक टेक्स्ट मैसेज भी वायरल है, जिसमें लिखा है कि देर रात प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मीटिंग में महत्वपूर्ण नेता का कांग्रेस प्रवेश हो सकता है. साय का इस्तीफा सामने आने के बाद यह माना जा रहा है कि महत्वपूर्ण नेता साय ही हैं. इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का कहना है, “नंदकुमार साय जी का इस्तीफा प्राप्त हुआ है. वह पार्टी के बेहद वरिष्ठ नेता हैं. पार्टी काे आगे बढ़ाने में उनका सक्रिय योगदान रहा है. अभी उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. आगे उनसे बात कर कोई गलतफहमी होगी तो जरूर दूर करने का प्रयास करेंगे.’
सरकार में रहते हुए भी उठाते रहे सवाल
नंदकुमार साय ऐसे नेता हैं, जो भाजपा की सरकार में भी गलतियों को सामने लाते रहे हैं. वे पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह व उनकी सरकार के फैसलों में भी जो खामियां रहती थीं, उन्हें सामने लाते रहते थे. इसके बाद जब कांग्रेस विपक्ष में आई, तब भी उन्होंने नेतृत्व की खामियों को सामने रखा और बताया कि उनके अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष रहने के दौरान भाजपा जिस तरह संघर्ष करती थी, वैसा संघर्ष नहीं हो रहा है. इन्हीं कुछ बातों को लेकर पार्टी के बड़े नेता उनसे दूरी बनाते रहे हैं. हालांकि पूर्व छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी उनसे नियमित रूप से मिल-जुल रही थीं, जिससे संपर्क बना रहे.
करुणा शुक्ला के बाद बड़े चेहरे होंगे साय
भाजपा की सरकार में रहते हुए करुणा शुक्ला, नंदकुमार साय आदि कुछ नेताओं ने एक गुट बना लिया था. बाद में शुक्ला कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग में उनकी भूमिका को काफी महत्वपूर्ण माना गया. अब यदि साय कांग्रेस में जाते हैं तो यह भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है. हालांकि अभी भी पार्टी के नेता इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि साय भोले हैं. वे अपनी नाराजगी को खुलकर रखते हैं, लेकिन बाद में मान जाते हैं. इस बार भी पार्टी के नेता उनसे बात कर उनकी नाराजगी को दूर करने की कोशिश करेंगे. भाजपा के कुछ नेताअों को उम्मीद है कि वे पार्टी छोड़कर नहीं जाएंगे.