चंडीगढ़/पटियाला। Navjot Singh Sidhu: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के 10 महीने बाद शनिवार को पटियाला की सेंट्रल जेल से रिहा होने वाले हैं। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को दो कारणों से शनिवार को एक साल की सजा पूरी होने से पहले जेल से रिहा किया जाएगा।
Navjot Singh Sidhu:हालांकि उन्हें 1 साल कारावास की सजा सुनाई गई लेकिन, वो 10 महीने में ही रिहा होने जा रहे हैं। इसके पीछे की दो वजहें हैं। पहला जेल मैनुअल के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू एक महीने में चार छुट्टी पाने के हकदार थे।
Navjot Singh Sidhu: सिद्धू ने कोई छुट्टी नहीं ली थी, इसलिए उन्होंने जेल की सजा काट ली है। दूसरे, कारावास के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के अच्छे आचरण को भी ध्यान में रखा गया है। अच्छे आचरण की वजह से कैदी जेल से जल्दी छूटने का हकदार हो सकता है।
क्या है मामला
Navjot Singh Sidhu: नवजोत सिंह सिद्धू 1988 में एक रोड रेज की घटना में आरोपी थे। यह मामला दिसंबर 1988 में सिद्धू और उसके दोस्त पर हमला करने के बाद एक व्यक्ति गुरनाम सिंह की मौत से संबंधित है। 27 दिसंबर, 1988 को, सिद्धू और रूपिंदर सिंह संधू ने पटियाला में शेरांवाला गेट क्रॉसिंग के पास सड़क के बीच में कथित तौर पर अपनी जिप्सी खड़ी कर दी थी। जब 65 वर्षीय गुरनाम सिंह कार से मौके पर पहुंचे तो उन्होंने उन्हें एक तरफ हटने को कहा।
Navjot Singh Sidhu: इसके बाद सिद्धू ने सिंह की पिटाई कर दी। सिद्धू ने कथित तौर पर भागने से पहले सिंह की कार की चाबियां भी निकाल लीं ताकि उसे चिकित्सा सहायता न मिल सके।
Navjot Singh Sidhu:सितंबर 1999 में, सिद्धू को हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया था। हालांकि, दिसंबर 2006 में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने नवजोत सिंह सिद्धू और रूपिंदर सिंह संधू दोनों को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया, जो हत्या की कोटि में नहीं था। प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
Navjot Singh Sidhu: नवजोत सिंह सिद्धू और रूपिंदर सिंह संधू ने बाद में इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सिद्धू ने दावा किया कि साक्ष्य विरोधाभासी थे और चिकित्सा राय “अस्पष्ट” थी। 2007 में, अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगा दी।
Navjot Singh Sidhu: 15 मई, 2018 को, सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) के तहत दोषी ठहराया और उन्हें धारा 304 (II) (गैर इरादतन हत्या) के तहत बरी कर दिया। 12 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट गुरनाम सिंह के परिवार द्वारा दायर एक समीक्षा याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। मई, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
Navjot Singh Sidhu: 15 मई, 2018 को, सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) के तहत दोषी ठहराया और उन्हें धारा 304 (II) (गैर इरादतन हत्या) के तहत बरी कर दिया।
Navjot Singh Sidhu: 12 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट गुरनाम सिंह के परिवार द्वारा दायर एक समीक्षा याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। मई, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।