Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
Navratri 4th Day : चतुर्थी के दिन की जाती है देवी कुष्मांडा की पूजा, समस्त रोग-शोक से दूर होकर आयु-यश में होगी वृद्धि …

नवरात्रि के चैथे, पांचवें और छठे दिन समृद्धि और शांति की देवी की पूजा करने के लिए समर्पित है. चतुर्थी के दिन माँ कूष्मांडा की आराधना की जाती है. इनकी उपासना से सिद्धियों में निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु-यश में वृद्धि होती है. अपनी मंद, हल्की हँसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के रूप में पूजा जाता है. संस्कृत भाषा में कूष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं और इन्हें कुम्हड़ा विशेष रूप से प्रिय है.

माँ कूष्मांडा की उपासना मनुष्य को आधियों-व्याधियों से सर्वथा विमुक्त करके उसे सुख, समृद्धि और उन्नति की ओर ले जाने वाली है. माँ कुष्मांडा की पूजा आयु-यश में वृद्धि कर जीवन में संघर्ष के लिए तैयार होना है अतः अपने संतान तथा स्वयं के स्वास्थ्य एवं रोग शोक से दूर आयु एवं यश प्राप्ति के लिए माता कुष्मांडा की विधि पूर्वक पूजा करने से युवा वस्था में स्थिर स्वास्थ्य एवं आयु प्राप्त की जा सकती है और निरंतर जीवन में उन्नति के लिए संघर्ष के लिए शारीरिक और मानसिक समृद्धि पाई जा सकती है.

प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है. माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में चतुर्थ दिन इसका जाप करना चाहिए.

या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्मांडा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

अर्थ – हे माँ! सर्वत्र, विराजमान और कूष्मांडा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है. या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ. हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें.

मां कुष्माण्डा की पूजन विधि

नवरात्र के चौथे दिन भी स्नान आदि करके मन वचन से शुद्ध हो जाना चाहिए. तत्प्श्चात रोज की तरह सर्वप्रथम कलश की पूजा करनी चाहिए. उसके बाद माता कुष्माण्डा को प्रणाम करके स्मरण करना चाहिए. इस दिन हरे रंग के आसन पर बैठकर पूजा करना शुभ माना जाता है. देवी को फूल, धूप, नैवेद्य आदि अर्पित करना चाहिए. दूध, घी, शहद आदि से स्नान करवाना चाहिए. मां कुष्माण्डा को विविध प्रकार के फलों का भोग अपनी क्षमतानुसार लगाना चाहिए.

पूजा के बाद घर के बड़ों को प्रणाम कर उनका आर्शीवाद लेकर प्रसाद बांटना चाहिए. मां कुष्माण्डा से परिजनों और घर आदि की सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए. माता से आशीर्वाद स्वरूप सबकी मंगलकामना मांगनी चाहिए. इस दिन मां से मुख्य रूप से अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए. सच्चे मन और विश्वास से मांगी मनोकामना की पूर्ति मां कुष्माण्डा अवश्य करती हैं. मां की पूजा में निम्न मंत्र को शामिल करने से उचित फल मिलता है.

The post Navratri 4th Day : चतुर्थी के दिन की जाती है देवी कुष्मांडा की पूजा, समस्त रोग-शोक से दूर होकर आयु-यश में होगी वृद्धि … appeared first on Lalluram.

https://lalluram.com/goddess-kushmanda-is-worshiped-on-the-day-of-chaturthi/