विशेसझ संवादाता, रायपुर
कोरिया की संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव के पति अमितावो कुमार घोष ने एक और पोस्ट किया है। पति, पत्नी, पद और राजनीती के साथ रिश्तों का दिलचस्प खुलासा करने वाली पोस्ट अम्बिका के पति 10 फरवरी तक जारी रखेंगे। उन्होंने अपने ताजा फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि, मेरी पत्नी ने कहा है कि, मैं रानीतिक टिप्पणी से आहत हूं। यह सौ फीसदी असत्य है।
संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव के पति ने पोस्ट में लिखा है कि मैं 2 साल में 3 बार उनके हाथों से पिट भी गया हूं। मैं उनके हाथों आखिरी बार रायपुर में 4 जनवरी 2023 को पिटा था। मेरे पास पीटने के सबूत भी हैं। मेरा सिर्फ एक ही कसूर है कि, मैं एक ही सवाल आपसे 4 साल से करता आ रहा हूं।
अमितावो कुमार घोष ने लिखा कि, मुझे भी कुछ कहना है… मैं चुप रहा तो और गलतफहमी बढ़ेगी। उन्होंने कहा – वो भी सुना, जो हमने कहा ही नहीं। उन्होंने लिखा बशीर Badr Saab के यह दो लाइन का जिक्र मैं काल किया था, जो कुछ घंटों में सच निकला। मैंने मीडिया में सुना Ambica ji ने कही के मेरा यह facebook पोस्ट कुछ “राजनैतिक टिप्पणी से नाराज होकर किया गया है”। तो अमितावो कुमार घोष ने लिखा कि, यह थोड़ा नहीं पूरा 100 % असत्य है|
उन्होंने लिखा है कि हमारे शादी हुए 1996 में 2016 तक- 20 साल में Kaka Saab ( Dr Ramchandra Singh Deo ji ) ने कभी नहीं चाहा के उनके परिवार से कोई भी राजनीति में आए। वो खुद सक्रिय राजनीति से आपने आप को अलग कर लिए थे। जो उन्हें जानते थे वो यह भी जानते हैं किस कारण से अभी मैं लिख नहीं रहा हूं। तो वो कौनसा मजबूरी उन्हें आ गई, जिंदगी के आखिरी दो साल में जो वो अपनी भतीजी को आपना उत्तराधिकारी बना के गए
2016 से पहले कितने बार Ambica ji Baikunthpur में आएआज उनके साथ जो लोग खड़े हैं, उनमें से कितने जन उन्हें 2016 के पहले मिले थेAmbica ji 2016 से पहले ना राजनीति ना समाज सेवा के कोई भी कार्य से जुड़ी नहीं थी। भाई, हम आप ही की तरह परिवार वाले थे, हम दोनों और हमारे दो बच्चे, यही था अपना जहां। उन्होंने लिखा कि, यह इतने सारे नये चेहरे 5 साल से पहले तो कभी नहीं दिखे।
उन्होंने लिखा कि, आज अभी थोड़ी देर पहले (यहां के समय में सुबह 6 बाज रहा था) मेरे दोनों बेटे नाइट शिफ्ट करके घर लौटे। वो यहां सब काम करते हैं, बात वो नहीं है। बात यह है घर में एक मां होती है, जो बच्चों को गरम रोटी बनाकर खिलती है। हमारे घर में वो मां नहीं है। हमारी मां राजनीति में गरम रोटियां में busy है, हजारों मिले दूर………
एक और बात – Already महिला का अवमानना का जिक्र छेड़ चुका है। यह bibhed क्यूँ उठाया जाता है जब जब भी कोई मुद्दा का जवाब आपके पास होता नहींसवाल मुद्दा का है, लिंग का नहीं।
इसी के चलते तो मैं पिछले 2 साल में तीन बार पीट गया हूं, आपके विधायक ji से (मेरे पास evidence है, आखरी बार Jan 4th 2023 को रायपुर में – जब मैं आपने ज़ख़्म का फोटो भेजा उन्हें wats app में उन्होंने ‘sorry ‘ भी लिखी), मेरा कसूर बस इतना है कि मैं एक ही सवाल 4 साल से करते आ रहा हूं -” आप यह सब क्यूँ कर रहें हो ?”
उन्होंने लिखा, सुना है Sahab मां बाप के कर्मों का फल बच्चों को मिलता है। मैं मानता भी हूं। बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए मैं और आपके विधायक ji हमारे दोनों बच्चों की परवरिश कर रहे थे। अचानक एक हवा का झोंका आया और हमारा घोंसला ही चकनाचूर कर दिया। उन्होंने लिखा – बात परिवार की है – इज्जत की है। मेरे जगह आप होते तो क्या करतेंउन्होंने लिखा है कि इस तरह की पोस्ट में 10 फरवरी तक करते रहूंगा।
उसके बाद या तो Live में आके और अच्छा होगा Baikunthpur में आके आप के सवालों का जवाब दूँगा। जो मुझे पत्थर मारने आएगा, कृपा करके साथ में दो बिस्किट लाना और जो मेरा पुतला में आग लगाएगा वो दो कप गरम चाय लाना। चाय पर चर्चा हम भी कर सकते हैं। मैं जिंदगी में कभी किसी से डरा नहीं और आज मेरे साथ मेरी वो जिंदगी ही नहीं तो डर किस बात से।