Nikki murder case: नई दिल्ली। निक्की हत्याकाण्ड, जिसमें एक खुदगर्ज़ युवक ने एक साथ दो युवतियों और उनके परिवारों की खुशियों का सर्वनाश कर दिया। निक्की को तो अपनी जान ही गंवानी पड़ी और दूसरी साहिल की नवविवाहिता, जिसे जाने किस गुनाह की ऐसी सज़ा मिली। ताउम्र ज़िन्दगी की दुश्वारियों से दो-चार होती रहीं बेसहारा माँ-बेटी के हाथ खुशी आई भी तो मुट्ठी से रेत की तरह फिसल गई। साहिल जेल में है और यह उसके साथ उसके परिवारवालों के लिए भी एक सज़ा है जिनके दबाव की वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। आइए जानते हैं क्या कैसे हुआ।
लिव-इन रिलेशनशिप एक बार फिर बनी समस्या की वजह
श्रद्धा वालकर हत्याकाण्ड को एक बार फिर दोहराया गया है निक्की हत्याकाण्ड में। निक्की यादव और साहिल गहलोत लिव-इन में रह रहे थे। 22 साल की निक्की यादव हरियाणा के झज्जर की थी और 24 साल का साहिल गहलोत नजफगढ़ के मित्रांव गांव का था। दोनों दिल्ली में अलग-अलग जगह कोचिंग करने के दौरान एक बस से सफर करते- करते संपर्क में आए। बाद में दोनों एक ही ‘गलगोटिया काॅलेज’ में पढ़ने लगे। दोस्ती बढ़ी, प्यार हुआ और आखिर दोनों ग्रेटर नोएडा में लिव- इन में रहने लगे।
साहिल की सगाई कहीं और हुई तब लगा निक्की को धक्का
निक्की को पता चला कि साहिल की कहीं और शादी हो रही है। उसने साहिल से इस बात पर बहस की। साहिल ने बात क्लियर करने निक्की को अपने घर बुलाया। दोनों 9 फरवरी की रात कार से घूमने निकले। घूमने के दौरान लड़ाई बढ़ी आखिर कार में ही कश्मीर गेट स्थित ISBT पर साहिल ने चार्जर के केबल से निक्की का गला घोंट दिया। इसके बाद वह कार में लाश लिए ही अपने गांव गया। अपने ढाबे के फ्रिज़ में लाश छुपा दी और घर जाकर अगले ही दिन अपने परिजनों की मर्ज़ी के मुताबिक बहादुरगढ़ के गांव की एक लड़की से शादी भी कर ली।
निक्की के पिता को भी किया गुमराह, पर आखिर पकड़ में आ ही गया साहिल
इस दौरान बेटी से फोन पर संपर्क न होने पर निक्की के पिता ने साहिल का नंबर जुटा कर उससे निक्की के बारे में पूछा। साहिल ने उन्हें यह कह कर गुमराह किया कि निक्की मसूरी घूमने गई है और वह अपनी शादी में व्यस्त है। लेकिन जब एक सूचना के आधार पर पुलिस ने निक्की की लाश बरामद कर ली तो साहिल गिरफ्त में आ ही गया। निक्की का परिवार तो भरोसा ही नहीं कर पाया कि उनकी बेटी की हत्या कर दी गई है।
नवविवाहिता को बिना जुर्म मिली सज़ा, माँ के साथ हुआ छल
एक विधवा स्त्री जो पिछले 20 साल से अपनी बेटी को अकेले पाल रही थी, जिसने बमुश्किल अपना और बेटी का पेट भरा,दूध बेच कर बेटी को पढ़ा-लिखाया। उसके हाथ पीले किए, वही बेटी आज उसके दरवाजे पर खाली हाथ लौट आई है। इतने बड़े छल के बाद अब माँ-बेटी के पास क्या बचा… सिर्फ़ आँसू और बेबसी। किस्मत की ऐसी मार की खबर जो भी पढ़ रहा है, उसका दिल पिघला जा रहा है।