रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सीपत में स्थापित एनटीपीसी विद्युत केंद्र देश का चौथा सबसे बड़ा बिजली उत्पादन करने वाला प्लांट है। इस प्लांट से बिजली बनाने की प्रक्रिया में प्रचुर मात्रा में राखड़ निकलता है जिसका रखरखाव बहुत बड़ी समस्या है। इसी समस्या से बचने के लिए एनटीपीसी सीपत नए नए प्रयोग कर रहा है। राखड़ से ब्रिक्स (ईंटा) बनते तो सभी ने देखा है इसी कड़ी में अब एनटीपीसी राखड़ से ही कई प्रकार के बिल्डिंग मटेरियल का निर्माण करने जा रहा है जिसमे बालू, टाइल्स , गिट्टी का निर्माण भी शामिल है। एनटीपीसी ने रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के बिल्डर्स को आमंत्रित कर इसका प्रदर्शन किया है।
एनटीपीसी सीपत के प्लांट प्रमुख घनश्याम प्रजापति ने कहा कि एनटीपीसी राखड़ को उपयोगी बनाने की प्रक्रिया में काम कर रहा है हम कई प्रकार के बिल्डिंग मटेरियल बनाने प्रयासरत है। बिलासपुर में टाइल्स , गिट्टी, ईंटा, बालू का निर्माण प्रारम्भ हुआ है। जल्द ही रायपुर में भी प्रोडक्शन सुरु करेंगे। प्रजापति ने कहा कम्पनी द्वारा बनाये गए उत्पाद से न केवन राखड़ प्रबंधन में सहयोग मिलेगा बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कम होगा।
कार्यक्रम को प्रायोजित करने वाले विनय कुमार तिवारी ने कहा हम अपने उत्पाद में बाजार की जरुरत के हिसाब से आगे परिवर्तन करते रहेंगे, और बेहतर क़्वालिटी कैसे की जा सकती है इसका फीड बाइक लेकर उपयोगकर्ता की जरुरत के हिसाब से सतत सुधार भी करते रहेंगे।
उत्पादों की तकनीकी जानकारी कंपनी के अधिकारी हर्षद पिताले और नागेश्वर राव ने बिल्डर्स के समक्ष प्रस्तुत की साथ ही बिल्डर्स की जिज्ञासाओं को भी दूर किया।
कार्यक्रम में अथिति के रूप में कमनी के महाप्रबंधक पीयूष सक्सेना एवं राजीव शुक्ल मौजूद थे साथ ही क्रेडाई से सुनील तापड़िया उपस्थित रहे।