विशेष संवादाता, रायपुर
तेलीबांधा मरीन ड्राइव में चौपाटी के ठेले खोमचे वालों के खैरख्वाह बनकर महीनेभर पहले सामने आये महापौर एजाज ढेबर का सिर उनके ही अधिकारीयों ने झुका दिया है। चौपाटी में लगे ठेले खोमचे वालों के खिलाफ कार्रवाई को बीच में रुकवाकर जिन ठेले-खोमचे वालों के वो शुभचिंतक बन गए थे। उन्हीं गरीबों का धंधा गैस सिलेंडर, बर्तन समेत पूरा ठेला ही निगम ने सुबह सुबह पहुंचकर जब्त कर लिया। रायपुर नगर निगम रायपुर में जिन तीन तेजतर्राट अधिकारीयों की तूती बोलती है इन सब के पीछे उन्ही का हाथ बताया जा रहा है।
तेलीबांधा मरीन ड्राइव की चौपाटी से गरीबों खासकर स्मार्ट ठेलों को जब्त करने या हटाने से महापौर ने अफसरों को सख्त लहज़े में रोका था। लेकिन उस वक्त मौके की नज़ाकत देखकर लौट जाने वाले निगम के अधिकारीयों ने सुबह सुबह अपनी कार्रवाई कर जाता दिया कि जनप्रतिनधि और नौकरशाही में कौन ताकतवर है। पुरे घटनाक्रम में ठेले-खोमचे वालों के दर दर भटकने का सिलसिला जारी है और निगम में खींचतान शुरू हो गई है। नगर निगम की कार्रवाई, मरीन ड्राइव से हटाए ठेले और गुमटी, फुटकर व्यापारियों में ख़फ़ी असंतोष है।
दोनों पक्षों में इतना विवाद बढ़ गया था कि महापौर एजाज़ ढेबर खोमचे वालों के पक्ष में अपने ही निगम अधिकारीयों पर बरस पड़े थे। महापौर ने ठेला-खोमचा जब्त करने गए निगम के एक खाटी अधिकारी से भी सिमा पार जाकर कुछ कह दिया था। इससे खफा निगम के अधिकारीयों ने कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया था। बस फिर क्या था निगम कमिश्नर की मंशा भांपते ही अमला इस बार जो कार्रवाई किया वह किसी ने सोचा भी नहीं था।
सुबह 5 बजे ही कब्ज़ा हटाने वाला दस्ता पहुंचा और पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करते हुए ठेले-खोमचे वालों के आने से पहले ही जब्ती कार्रवाई को अंजाम देकर चलते बने। जब सुबह धंधे के लिए सब आये तो सभी का ठेला गायब था । निगम दस्ते ने रसोई गैस सिलेंडर, बर्तन समेत ठेला ले कर चले गए। जब्ती की बाकायदा वीडियोग्राफी भी अफसरों ने की है और गरीबों को अब तक उनका ठेला ही नहीं मिला है।