नई दिल्ली : देश कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। राष्ट्रपति मुर्मू इस तरह की उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। इससे पहले प्रतिभा देवी पाटिल ने ऐतिहासक उड़ान भरी थी। उड़ान भरने से पहले राष्ट्रपति को तेजपुर वायु सेना स्टेशन पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था।
जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति ने शुक्रवार को गुवाहाटी महोत्सव-2023 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रकृति और मानवता के बीच पवित्र रिश्ता होता है। जो कार्य प्रकृति और पशु-पक्षियों के लिए हितकारी है, वह मानवता के भी हित में है। धरती माता के हित में भी है। इससे पूर्व उन्होंने कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में हाथी को खाना खिलाया और जीप सफारी का लुत्फ लिया। राष्ट्रपति ने हाथियों के साथ दया का व्यवहार करने, उनके गलियारों को अवरोधों से मुक्त रखने का आग्रह किया ताकि उनकी आवाजाही आसान हो सके।
दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं द्रौपदी मुर्मु
सुखोई विमान को 106 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप सुखोई विमान को 106 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार ने उड़ाया था। राष्ट्रपति मुर्मु लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति भवन ने बताया कि राष्ट्रपति को विमान और भारतीय वायु सेना (IAF) की परिचालन क्षमताओं के बारे में भी जानकारी दी गई है। उन्होंने भारतीय वायुसेना की परिचालन तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया।
इन पूर्व राष्ट्रपतियों ने भरी लड़ाकू विमान में उड़ान
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटील इसमें उड़ान भर चुके हैं।
तीन दिवसीय असम दौरे पर हैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु छह से आठ अप्रैल तक असम के दौरे पर हैं। आज असम दौरे का राष्ट्रपति मुर्मु का आखिरी दिन है। इससे पहले सात अप्रैल को उन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गज उत्सव-2023 का उद्घाटन किया था और और बाद में गुवाहाटी में माउंट कंचनजंगा अभियान-2023 को झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 75 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में भी शिरकत की थी।
क्या है सुखोई की खासियत
बताते चलें कि सुखोई को रूस के सैन्य विमान निर्माता कंपनी सुखोई और भारत की हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से बनाया गया है। सुखोई सुखोई-30 MKI विमान चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। सुखोई 2100 किमी प्रतिघंटे से भी तेज रफ्तार से उड़ सकता है। दरअसल, सुखोई करीब 1 मिनट में 150 राउंड फायर कर सकता है। ये हवा में ही इंधन भर सकता है और ब्रह्मोस समेत कई मिसाइलों और लेजर बमों को लेकर भी उड़ान भर सकता है।
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