नई दिल्ली ब्यूरो. पंजाब के फरीदकोट में मर्डर केस में आईजी के नाम पर 50 लाख रिश्वत मांगने वाले एसपी, डीएसपी, आईजी ऑफिस के आरटीआई शाखा के सब इंस्पेक्टर और दो अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. फरीदपुर के कोटकपूरा थाने में केस दर्ज होने के बाद एसपी इन्वेस्टिगेशन गगनेश कुमार और डीएसपी सुशील कुमार का तबादला कर दिया गया है. वहीं, सब इंस्पेक्टर खेम चंद पराशर सहित दो अन्य लोग जिनके नाम संत मलकीत दास और जसविंदर फरार हैं.
जानकारी के मुताबिक 7 नवंबर 2019 को गौशाला कोटसुखिया के संत बाबा दयाल दास की हत्या हुई थी. एसपी गगनेश कुमार व अन्य पर आरोप हैं कि इसी मामले में हरका दास डेरा के प्रमुख गगन दास से 50 लाख रुपए की मांग की गई थी. आईजी प्रदीप कुमार के नाम पर इस राशि की मांग की गई, लेकिन 35 लाख में डील तय हुई. 35 लाख में से 20 लाख दे दिए गए थे, लेकिन बचे हुए 15 लाख के लिए दबाव डाला जा रहा था. इस बात की खबर आईजी तक पहुंची और आईजी ने तत्काल विजिलेंस को खबर कर दी.
चंडीगढ़ और फरीदकोट से विजिलेंस अधिकारियों ने जब रेड मारी, तब एसपी फ्लैग मार्च कर रहे थे. विजिलेंस अधिकारियों ने करीब दो घंटे एसएसपी ऑफिस में पूछताछ की, फिर कोटकपूरा थाने में केस दर्ज किया गया.
इस केस से जुड़ा एक अहम तथ्य यह भी है कि फरीदकोट के कोटसुखिया गांव स्थित हरका दास डेरा प्रधान पद के लिए कई सालों से संघर्ष चल रहा है. 1986 में हरका दास डेरा के तत्कालीन प्रमुख संत मोहन दास की भी हत्या हो चुकी है. 14 साल पहले जब बाबा हरिदास को डेरा प्रमुख नियुक्त किया गया था, तब उन्हें भी काफी मुश्किलें आई थीं. एक व्यक्ति से उन्हें कड़ी टक्कर मिली थी.
दरअसल डेरा की पंजाब और हरिद्वार में 12-12 शाखाएं हैं, इसलिए इसका प्रमुख बनने के लिए कुछ शाखाओं के प्रमुखों के बीच झगड़ा होता रहता है. प्रधान पद के अलावा डेरा की जमीन पर अवैध कब्जे का भी विवाद है.