Ramcharitmanas Row: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya) ने रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान (controversial statement ) दिया है। जिससे एक बार फिर माहौल गरमा गया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस में सब कुछ बकवास है। क्या यह धर्म है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो। रामचरितमानस के कुछ अंशों से मुझे आपत्ति है। तुलसीदास ने शूद्र को अधम जाति कहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा कि ब्रिटिश शासन में महिलाओं को पढ़ने-लिखने का अधिकार मिला, लेकिन दलितों को ब्रिटिश शासन (British rule) में पढ़ने-लिखने का अधिकार मिला। धर्म के नाम पर विशेष जाति का अपमान किया गया। रामचरितमानस पर पूर्णतया प्रतिबंध लगना चाहिए। रामचरितमानस के कुछ अंशों से मुझे आपत्ति है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन यदि वह ब्राह्मण है, तो उसे पूजनीय कहा जाता है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए। क्या यह धर्म है? यदि यही धर्म है तो मैं ऐसे धर्म को प्रणाम करता हूँ। ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता है।
उन्होंने कहा कि जब उनकी कोई टिप्पणी की जाती है तो चंद धार्मिक ठेकेदार, जिनकी रोजी-रोटी इसी पर निर्भर है, कहते हैं कि हिंदू भावनाएं आहत हो रही हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री (Peethadhishwar Dhirendra Shastri) पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि धर्म के ठेकेदार ही धर्म की नीलामी कर रहे हैं।
तमाम समाज सुधारकों के प्रयासों से आज देश प्रगति के पथ पर है, लेकिन ऐसी रूढ़िवादी सोच वाले बाबा समाज में रूढ़ीवादी परंपराओं, कुरीतियों और अंधविश्वासों को पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब बाबा के पास सभी बीमारियों की दवा है तो सरकार बेवजह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल चला रही है। सभी को बाबा के यहां जाकर दवाई लेनी चाहिए।