Remal Cyclone: ओडिशा सरकार ने रेमल चक्रवात को देखते हुए मयूरभंज, बालासोर, भद्रक और केंद्रपाड़ा के जिला कलेक्टरों को सतर्क कर दिया है और उन्हें तूफान के मद्देनजर किसी भी आपात स्थिति में ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) और अग्निशमन सेवाओं को तैनात करने के निर्देश दिए है।
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) कार्यालय सूत्रों ने बताया कि भीषण चक्रवाती तूफान रेमल के प्रभाव से इन जिलों में हवा के साथ बारिश जारी है। जिला कलेक्टरों को पूरी तरह अलर्ट रहने और स्थिति पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी गई है.
मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार को कहा कि तेलंगाना में अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले छह दिनों में राज्य का मौसम शुष्क बने रहने के आसार हैं। वहीं, 31 मई को तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटें पड़ने की संभावना है, जबकि पिछले 24 घंटों में राज्य के एक-दो स्थानों पर बारिश हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने आवास पर एक बैठक में उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात “रेमल” के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार चक्रवाती तूफान के रविवार आधी रात तक मोंगला (बंगलादेश) के दक्षिण पश्चिम के करीब सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच बंगलादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों को पार करने की संभावना है और इससे पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है। सभी मछुआरों को दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है। करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मौसम विभाग नियमित अपडेट के साथ बंगलादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य सरकार को पूरा समर्थन दिया है और यह आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को तैयार रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें। भारतीय तटरक्षक किसी भी आपात स्थिति के लिए अपने पोत तैनात करेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बंदरगाहों, रेलवे और राजमार्गों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, मौसम विभाग के महानिदेशक और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव भी उपस्थित थे।