नेशनल डेस्क। करीब 19 साल बाद मां सरस्वती की पूजा और गणतंत्र दिवस एक ही दिन मनाया जाएगा। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुईं थी। बसंत पचंमी पर पीले रंग का खास महत्व है। इस दिन पीले रंग की पूजन समाग्री से मां सरस्वती की पूजा करने पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
वहीं पूरा देश इस साल स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे के उपलक्ष में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी मौके पर 26 जनवरी 2023 को भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। भारत की पिछले सात दशकों से ज्यादा वर्षों की प्रगति की यात्रा को देखें तो पाएंगे कि हमारा देश बहुत सी चुनौतियों को पीछे छोड़ आगे निकल चुका है। भारत के लोग आज रक्षा से लेकर शिक्षा, अंतरिक्ष और खेल प्रतियोगिताओं में दुनिया को अपना लोहा मनवा रहे हैं। भारतीय गणतंत्र इसी कामयाबी का 74वां जश्न मनाने जा रहा है।
गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी एक साथ – जानकारों के अनुसार करीब 19 साल बाद मां सरस्वती की पूजा और गणतंत्र दिवस एक ही दिन मनाया जाएगा। ऐसा संयोग 2004 में बना था।
शिक्षण संस्थानों के लिए आज का दिन बेहद खास है। दरअसल आज के दिन लगभग सभी शिक्षण संस्थानों में गणतंत्र दिवस के साथ – साथ सरस्वती पूजा की जा रही है। छात्र जीवन के लिए मायने रखने वाले दानों पर्वों का एक दिन होने से छात्रों में उमंग का माहौल है।