टीआरपी डेस्क
बिलासपुर। तत्कालीन राज्य्पाल अनुसुइया उइके पर कांग्रेस का संदेह सच साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ विधानसभा से पारित आरक्षण विधेयक पर उन्होंने जाते जाते पेंच डालकर चली गईं हैं और नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने कहा है कि इस मामले का पटाक्षेप हो चुका है। इस पर अलग से विचार करने की आवश्यकता नहीं है।
नए राज्यपाल का कहना है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा से पारित आरक्षण विधेयक पूर्व राज्यपाल के समय का है और इस पर वह निर्णय ले चुकी हैं। इसके साथ ही इस मामले का पटाक्षेप हो चुका है। इस पर अलग से विचार करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह वक्तव्य अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल ने पत्रकारों से संक्षिप्त चर्चा के दौरान यह बात कही।
बीते 2 दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं हुआ है। पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके ने विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित होने का हवाला देते हुए हस्ताक्षर नहीं किया था। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में भी राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं करने को लेकर एक याचिका दायर की गई है।
केबिनेट मंत्री कवासी लखमा के साथ सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने बीते दिनों राज्यपाल से विधेयक पर हस्ताक्षर के मुद्दे पर मुलाकात की थी। लखमा ने मुलाकात के बाद पत्रकारों को बताया था कि राज्यपाल ने उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने के मुद्दे को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। आज लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसे लेकर भाजपा को घेरा है।
Reservation Bill Case Closed From Raj Bhavan -नए राजयपाल बोले नहीं लेंगे कोई नया फैसला, मामले का पटाक्षेप हो चुका pic.twitter.com/nlojw7F8DU
— The Rural Press (@theruralpress) March 28, 2023