किसी भी इंसान के लिए जितना जरूरी भोजन करना और पानी पीना है, उतना ही जरूरी सोना भी है। नींद शरीर को स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। अगर व्यक्ति एक अच्छी और गहरी नींद लेता है, तो इससे शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क को भी आराम मिलता है। रात में अच्छी नींद नहीं आने के कई कारण हो सकते हैं, स्लीप एपिन्या से लेकर आयरन की कमी, किसी तरह का ट्रॉमा या फिर शरीर से जुड़ी कोई अन्य समस्या हो सकती है क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट लीसा स्ट्रास के अनुसार कई बार कारगर माने जाने वाले उपचार सब पर एक जैसा काम नहीं करते हैं ऐसे में यदि आप चाहे कितने भी उपाय कर चुके हो तो आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा ताकि आप गहरी नींद ले सके अच्छी नींद ले सके।
नींद बायोलॉजिकल प्रोसेस है इसमें मन और शरीर दोनों का तालमेल होना जरूरी है
नींद एक बार लॉजिकल प्रक्रिया है इसके लिए आपका मन और शरीर दोनों का तालमेल होना जरूरी है उदाहरण के लिए यदि आप छींक रोकने के लिए कहा जाए तो आप रोक सकते हैं लेकिन कहा जाए किसी की है तो यह संभव नहीं है, इसके लिए शरीर और दिमाग दोनों का समन्वय होना आवश्यक है इसी प्रकार ऐसा ही नींद के अंदर होता है नींद नहीं आने पर हम जोर देकर सोने का प्रयास करते हैं उसके कारण नींद आपकी और दूर चली जाती है।
आप जितनी नींद में फ्रेश महसूस करेंगे उतना ही सोएं और ओवरस्लीपिंग करोगे तो उससे भी आपको नुकसान होगा
सोने के लंबे टाइम पीरियड से नींद बार-बार टूटती है तनाव एंग्जाइटी या दोपहर में लंबी झपकी से भी नींद की गुणवत्ता घटती है शारीरिक समस्याओं का नींद कम होती है सबसे पहले इन समस्याओं को दूर करना है। जैसे आप को अनावश्यक रूप से नहीं सोना है चाहे दिन में हो चाहे रात में लेट समय तक नहीं सोना है अगर यह करने में सक्षम नहीं हो रहे हो तो आपको जांचना चाहिए कि कितने कम नींद में आप तरोताजा महसूस करते हो फिर उतना ही आपको सोना चाहिए।
ओवरथिंकिंग से आपको बचना है, भविष्य के कामों की चिंता नहीं प्लानिंग करनी चाहिए
दोस्तों इनसोम्निया से पीड़ित शख्स जैसे ही सोने जाता है उसके दिमाग में पछतावा एंग्जाइटी या अगले दिन के कामों को लेकर चिंता या विचार आने लगते हैं। यदि सोच को विषय की जगह फैक्ट पर ले जाएं तो ओवरथिंकिंग को धीरे-धीरे नियंत्रित किया जा सकता है जैसे ऑफिस में काम पर विचार करें तो इसे यू सोचेगी आपको दिन में करना क्या है आप क्यों परेशान हो यह विचार नियंत्रित करने में मदद करेगी।
तो आप को सोते समय ज्यादा नहीं सोचना चाहिए अगर आप ऐसा करते हो तो आप गहरी नींद नहीं ले सकते अगर आप गहरी नींद नहीं लोगे तो आपको बहुत सारी समस्याएं नींद की वजह से हो सकती है। तो आपको अपनी नींद पर नियंत्रण करना सीखना चाहिए जितनी आवश्यक नींद हो उतना ही नींद लेनी चाहिए अनावश्यक रूप से नींद नहीं लेनी चाहिए।
तनाव, गुस्सा और डिप्रेशन
नींद पूरी नहीं होने से दिमाग को आराम नहीं मिल पाता और वो हर वक्त चलता रहता है. इसके कारण स्ट्रेस बढ़ता है. तनाव की स्थिति में कभी कोई काम ठीक से नहीं हो पाता। ऐसे में गुस्सा, इरिटेशन और डिप्रेशन जैसी दिक्कतें होना शुरू हो जाती हैं।
दिल की सेहत पर बुरा असर
ठीक तरीके से नींद न ले पाने से शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट प्रभावित होता है। इसकी वजह से शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है. ऐसे में दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और हाई बीपी, डायबिटीज और हृदय संबन्धी परेशानियों का रिस्क बढ़ जाता है।
इम्यून सिस्टम होता कमजोर
कोरोना काल में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने की बातें हो रही हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरी नींद न लेने से हमारा रोग प्रतिरोधक तंत्र प्रभावित होता है और अगर इम्युनिटी कमजोर हो तो व्यक्ति को कोई भी इंन्फेक्शन, खांसी, जुकाम, बुखार आदि समस्याएं जल्दी घेर लेती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क
तमाम रिसर्च बताती हैं कि नींद पूरी नहीं होने से शरीर की कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचता है, जिसकी वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
हार्मोनल समस्याएं
आजकल महिलाओं में थायरॉयड, पीसीओडी जैसी कई हार्मोनल परेशानियां का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसकी बड़ी वजह स्ट्रेस है। नींद की कमी से भी स्ट्रेस बढ़ता है और ये तनाव कई समस्याओं की वजह बनता है। इसकी वजह से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और महिलाओं में चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग, पीरियड की अनियमितता, मोटापा जैसी परेशानियां हो जाती है। ये परेशानियां अन्य बीमारियों को न्योता देती हैं।