Som Pradosh Vrat 2024, Som Pradosh Vrat 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत बड़ा महत्वपूर्ण माना गया है. यह शुभ दिन देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है. यह व्रत हर माह के कृष्ण क्ष व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है.
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 20 मई यानी सोमवार को रखा जाएगा. सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसका नाम सोम प्रदोष व्रत है और इसका बहुत अधिक महत्व होता है.
Som Pradosh Vrat 2024, Som Pradosh Vrat 2024 Kab Hai/प्रदोष व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से शुरू किया जा सकता है.वहीं, प्रदोष व्रत श्रावण और कार्तिक मास की त्रयोदशी से शुरू करना सबसे शुभ माना जाता है. इस व्रत को पुरुष या महिला कोई भी रख सकता है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनचाही इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.
Som Pradosh Vrat 2024, Som Pradosh Vrat 2024 Kab Hai/भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोम प्रदोष व्रत सबसे श्रेष्ठ दिन माना जाता है. संतान सुख, शीघ्र विवाह और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए सोम प्रदोष व्रत किया जाता है. पुराणों में वर्णन मिलता है कि प्रदोष व्रत करने से गौ दान जितना फल प्राप्त होता है. आइए जानते हैं सोम प्रदोष व्रत कैसे करें, पूजा विधि क्या है और शुभ मुहूर्त क्या है.
Som Pradosh Vrat 2024, Som Pradosh Vrat 2024 Kab Hai/पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई दिन सोमवार दोपहर 3 बजकर 58 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 21 मई दिन मंगलवार की शाम 5 बजकर 39 मिनट पर होगा. त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल 20 मई को पड़ रहा है, जिसके चलते साल का पहला सोम प्रदोष व्रत 20 मई को रखा जाने वाला है.
प्रदोष व्रत के दिन पूजा के लिए 20 मई की शाम 6 बजकर 15 मिनट से रात 7 बजकर 20 मिनट तक का समय सबसे शुभ है. इसके अलावा मध्यान काल यानी अभिजीत मुहूर्त में भी भगवान शिव की पूजा की जा सकती है.
प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में ही भगवान शिव की पूजा की जाती है. प्रदोष काल सूर्यास्त होने से 45 मिनट पहले का समय और सूर्यास्त होने के 45 मिनट बाद तक रहता है.
अगर आप प्रदोष व्रत करना चाहते हैं तो एक बार में 11 या 26 प्रदोष व्रत ही रखने चाहिए. इसके बाद इस व्रत का उद्यापन करना चाहिए. 108 प्रदोष व्रत रखकर शिवपुराण की कथा करवाना सबसे उत्तम माना जाता है.
प्रदोष व्रत में आप पूर्ण उपवास या फलाहार भी कर सकते हैं. इस व्रत के दौरान दूध या दूध से बनी चीजें जैसे- दही, पनीर आदि का सेवन कर सकते हैं. जब भी अपना व्रत खोले तो हरे मूंग की दाल का सेवन करें. इसके अलावा, व्रत के दौरान मावा, बर्फी, आलू का हलवा, समा चावल की खीर, नारियल बर्फी, आलू का पापड़, केले के चिप्स, अरबी की सूखी सब्जी, लौकी की सब्जी, सिंघाड़े के आटे के पराठे, साबूदाने आदि खा सकते हैं. प्रदोष व्रत में अन्न, लाल मिर्च, चावल और सादा नमक नहीं खाना चाहिए. सादे नमक की जगह सेंधा नमक खा सकते हैं.