Somvati Amavasya 2024: हिंदू धर्म में पूर्णिमा की तरह ही अमावस्या तिथि का भी विशेष महत्व होता है। अगर अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है तो यह और भी खास हो जाता है। इस बार भाद्रपद महीने की अमावस्या सोमवार को पड़ रही है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा।
Somvati Amavasya 2024:सोमवाती अमावस्या के दिन स्नान-दान और पूजा पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।
सोमवती अमावस्या के दिन कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें करने की मनाही है। अमावस्या के दिन इन गलतियों को करने से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से घिर सकता है।
Somvati Amavasya 2024: ऐसे में अमावस्या के दिन भूलकर भी ये काम न करें। तो आइए जानते हैं कि अमावस्या के दिन क्या करें और क्या नहीं।
Somvati Amavasya 2024: बता दें कि भाद्रपद महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या को कुशोत्पाटिनी या कुश ग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में इस अमावस्या का बहुत ही महत्व है। किसी को दान देते समय, सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय और अन्य कई कार्यों में भी कुश का उपयोग किया जाता है । कहा भी गया है कि कुश के बिना की गई पूजा निष्फल हो जाती है- पूजाकाले सर्वदैव कुशहस्तो भवेच्छुचि:। कुशेन रहिता पूजा विफला कथिता मया॥ इसीलिए आज कुशोत्पाटिनी अमावस्या के दिन कुश ग्रहण करने का या कुश को इकट्ठा करने का विधान है।
Somvati Amavasya 2024: हमारे शास्त्रों में सभी प्रकार के शुभ या धार्मिक कार्यों और अनुष्ठानों आदि में कुश का उपयोग किया जाता है। किसी को दान देते समय, सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय और अन्य कई कार्यों में भी कुश का उपयोग किया जाता है। कुशाग्रहणी अमावस्या के दिन स्नान आदि के बाद उचित स्थान पर जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके दाहिने हाथ से कुश तोड़नी चाहिए और कुश तोड़ते समय इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ हूं फट्- फट् स्वाहा’।
कुश तोड़ते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कुश कटा-फटा नहीं होना चाहिए, वह पूर्ण रूप से हरा भरा होना चाहिए।