विशेष संवादाता, रायपुर
Chips में कार्यरत डेढ़ सौ कर्मचारियों को बाईट माह की सैलरी अब तक अप्राप्त है। विभाग अंतर्गत संचालित 8 से ज्यादा बड़ी स्कीम चल रही हैं, जिसके तहत 150 से ज्यादा स्टाफ कार्यरत हैं। इनमे से किसी को भी पिछले माह की पगार आधा महीना बीतने के बाद भी नहीं मिली है। हमेशा एक तारीख को निर्धारित तनख्वा के अब तक नहीं मिलने की वजह है Chips CEO और आईएएस अधिकारी रितेश अग्रवाल।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक तुनकमिज़ाज अफसरों में शुमार आईएएस रितेश अग्रवाल 13 दिसंबर से अवकाश पर हैं। उन्होंने रवानगी से पूर्व किसी को भी अपनी सिनेटरी पावर नहीं दिया।
बताते हैं कि Chips CEO के नाते उनकी साइन से ही सभी की सैलरी बनती थी। लेकिन ट्रेनिंग अवकाश में जाने की जल्दी या फिर उनका लालफीताशाही वाला अंदाज़ कहें कि उन्होंने किसी को अथॉरिटी नहीं दिए और Chips के करीब 150 स्टाफ की पगार आज समाचार लिखे जाने तक अप्राप्त है।
बता दें Chips के तहत कई स्कीम चल रही है। जिसमे सीएसएल, भारतनेट, ई-प्रोक्योरमेंट, SWAN, CSICL डिजिटलाइजेशन, डिजिटलिजेशन सेक्रेटरी हेड आदि कई स्कीम Chips के अंडर संचालित हैं। इन्हीं कार्यक्षेत्रों में तैनात 150 स्टाफ को 1 तारीख को मिलने वाली सैलरी आज 17 जनवरी तक नहीं मिली है। बता दें स्टाफ को घर खर्च, ईएमआई और अन्य खर्च निकलना मुश्किल हो गया है। सिर्फ अफसरशाही की वजह से Chips CEO की अदूरदर्शिता का खामियाज़ा 150 स्टाफ को भुगतना पद रहा है।
Chips ACEO अजितेश पांडेय से लेकर अन्य अफसर सिग्नेटरी पॉवर और Chips CEO रितेश अग्रवाल के सम्बन्ध में कुछ कहने से बचते रहे। बता दें कि आईएएस अधिकारी रितेश अग्रवाल 13 दिसंबर को अवकाश में गए हैं। उन्ही की तरह आईएएस अयाज़ तम्बोली भी ट्रेनिंग के लिए जाने से पहले आईएएस तुलिका प्रजापति को जिम्मेदारी देकर गए थे। इसी तरह नियमतयः प्रभार और जिम्मेदारी सौंपकर ही जाते रहे हैं प्रशासनिक अधिकारी। सूत्रों के मुताबिक Chips CEO ने ACEO को प्रभार तो दिया है लेकिन सिग्नेटरी पॉवर नहीं दिया इसलिए सभी का मासिक वेतन अटक गया है।