असम में अवैध प्रवासियों से संबंधित नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता की जांच के लिए आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए को असम समझौते के अंतर्गत आने वाले लोगों की नागरिकता से निपटने के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में जोड़ा गया था।
इसमें प्रावधान है कि जो लोग 1985 में संशोधित नागरिकता अधिनियम के अनुसार 1 जनवरी, 1966 को या उसके बाद, लेकिन 25 मार्च, 1971 से पहले बांग्लादेश सहित निर्दिष्ट क्षेत्रों से असम आए हैं और तब से असम के निवासी हैं, उन्हें इसके तहत खुद को पंजीकृत करना होगा। यह नागरिकता के लिए धारा 18 में दर्ज है।
इसके परिणामस्वरूप, प्रावधान में बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने की कट-ऑफ तारीख 25 मार्च, 1971 तय करता है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा मामले का उल्लेख करने के बाद मामले को टाल दिया।
इस बाबत तुषार मेहता ने कहा कि मैं अपनी ओर से और भारत के अटॉर्नी जनरल की ओर से उल्लेख कर रहा हूं। कल आने वाला मामला नागरिकता संशोधन अधिनियम है। यदि मामले को थोड़ा टाला जा सकता है…यह दिवाली से पहले आखिरी कार्य सप्ताह है और हम सिर्फ एक संविधान पीठ से बाहर आया और इसलिए, हमें कुछ समय चाहिए।
नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए को असम समझौते के अंतर्गत उचित प्रकार समझाया गया है। इसे नागरिकता जैसे मसलों से निपटने के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में जोड़ा गया था। इस प्रावधान में जिक्र किया गया है कि जो लोग 1985 में संशोधित नागरिकता अधिनियम के अनुसार 1 जनवरी 1966 को या उसके बाद, लेकिन 25 मार्च 1971 से पहले बांग्लादेश सहित निर्दिष्ट क्षेत्रों से असम आए हैं और तब से असम के निवासी हैं, उन्हें खुद को नागरिकता के लिए धारा 18 के तहत पंजीकरण कराना होगा।
The post Supreme Court में आज होगी नागरिकता कानून की वैधता पर सुनवाई appeared first on CG News | Chhattisgarh News.