विशेष संवादाता
रायपुर। नक्सल मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। नक्सल उन्मूलन के लिए सरकार कई योजनाएं भी चला रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास के लिए सरकार जमीन के साथ नौकरी, नगद राशि भी उपलब्ध कराती है। आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को पुलिस विभाग में नौकरी भी दी जा रही है, लेकिन यह सब काम सिर्फ कागजों में होने का आरोप लग रहा है। जमीनी स्तर पर सरकार की योजना का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है।
नक्सली उन्मूलन के लिए केंद्र से एक बड़ी राशि राज्य को दी जाती है जिसका ऑडिट भी नहीं किया जाता है। आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों जीवन और मौत के बीच में चेहरा छुपा कर जीने को मजबूर हैं। अपनी व्यथा को बताने के लिए आत्मा समर्पित नक्सली छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे।आत्मसमर्पित नक्सलियों ने सरेंडर के बाद से खुद को ठगा महसूस करने की बात कही।
बुधवार को रायपुर प्रेस क्लब पहुंचे आत्मसमर्पित नक्सलियों ने बताया कि उनके साथ ऐसे 2000 लोग शामिल हैं, जिन्होंने आत्मसमर्पण किया है। शासन द्वारा उनके लिए की गई घोषणा के बाद मिलने वाली सुविधाओं से वे खुद को वंचित बताते रहे। उनके दावों और शासन की घोषणा में किये गए वादों में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है, लेकिन प्रेस क्लब रायपुर पहुंचकर मिडिया से मुखातिब आत्मसमर्पितों का संज्ञान शासन को लेना होगा।