नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी Tata Group की टाटा कंस्लटेंस सर्विसेज (TCS) को लेकर एक बड़ी खबर आई है, कंपनी में हुए कथित नौकरी घोटाले की जांच में कंपनी ने 19 कर्मचारियों को दोषी पाया है और इनमें से 16 को नौकरी से बाहर निकाल दिया है. इससे पहले भी कंपनी में जब ये घोटाला सामने आया था, तो तत्काल कार्रवाई करते हुए चार अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया था.
19 कर्मचारियों को पाया गया दोषी
टीसीएस (TCS) ने भर्ती घोटाले में कई महीनों की जांच के बाद अब बड़ा एक्शन लिया गया है. इसके बारे में कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी शेयर की है. टीसीएस के मुताबिक, अपनी जांच के बाद 16 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, इसके साथ ही 6 वेंडर्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. एक्सचेंज फाइलिंग में बताया गया है कि हमारी जांच में 19 कर्मचारियों को शामिल पाया गया और सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. 16 कर्मचारियों को आचार संहिता के उल्लंघन के लिए कंपनी से अलग कर दिया गया है और 3 कर्मचारियों को रिसोर्स मैनेजमेंट यूनिट से हटाया गया है.
जून में सामने आया था बड़ा घोटाला
इस वर्ष जून 2023 के अंत में देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS में भर्ती घोटाले का मामला सामने आया था. इस घोटाले के कंपनी के कुछ कर्मचारियों की मदद से वेंडर्स द्वारा अंजाम दिया गया था. मामला सामने आने के बाद आई एक मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि TCS के कुछ सीनियर अधिकारी अपने कैंडिडेट को नौकरी देने के बदले स्टाफिंग फर्मों से रिश्वत ले रहे थे. ये सब कई साल से चल रहा था. इस मामले के खुलासे के बाद टाटा समूह की कंपनी टीसीएस ने तुरंत कार्रवाई की थी. कंपनी ने अपने रिसोर्स मैनजमेंट ग्रुप (RMG) से चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था और तीन स्टाफिंग फर्मों पर प्रतिबंध लगाते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ाया था.
ऐसे हुआ था पूरे मामले का खुलासा
रिपोर्ट के अनुसार, पूरे मामले का पता तब चला जब एक व्हिसलब्लोअर ने कंपनी के सीईओ और सीओओ को पत्र लिखकर दावा किया कि RMG के ग्लोबल प्रमुख, ईएस चक्रवर्ती कैंडिडेट्स को नौकरी देने के लिए उन स्टाफिंग फर्मों से रिश्वत ले रहे थे, जो कंपनी के लिए स्टाफ की हायरिंग करती हैं. मामले के सामने आने के बाद आईटी प्रमुख ने आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसमें मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी अजीत मेनन शामिल थे.