विशेष संवादाता
रायपुर। राजभवन में अटके छत्तीसगढ़ आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 पर आज शुक्रवार को सूबे की सियासत में अचानक उबाल आ गया था। अचानक ही राज्यपाल द्वारा विधेयक की फाइल शासन को लौटाने की भ्रामक खबर तेज़ी से फैली। राजभवन भी इस अफवाह पर काफी देर से अधिकृत बयान जारी किया। ऐसे में राज्य सरकार से लेकर प्रशासनिक अधिकारी और राजभवन कार्यालय में जिम्मेदार हलकान रहे। आखिरकार देर शाम राजभवन से आरक्षण विधेयक वापसी की खबर को तथ्यहीन और भ्रामक निरूपित किया।
बता दें कि राज्यपाल द्वारा आरक्षण विधेयक वापसी की खबर से संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे पहले मीडिया को बयान दे दिए थे। हालांकि उन्होंने बाद में यह स्पर्श कर दिया था कि मीडिया की खबरों के आधार पर वे प्रतिक्रिया दिए हैं। मंत्री चौबे ने यह भी कहा था कि विधेयक वापसी पर अधिकृत जानकारी राज्यभवन ही दे पाएगा। बाद में श्री चौबे ने सुधार कर कहा कि अपुष्ट खबरों पर एक सामान्य राजनीतिक प्रतिक्रिया दी थी , जिसकी अधिकृत जानकारी राजभवन दे पाएगा
देर शाम राजभवन द्वारा आरक्षण संबंधी विधेयक राज्य शासन को वापस नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 सम्बधी फाइल, राजभवन द्वारा राज्य शासन को वापस नहीं की गयी है। इस सम्बध में कुछ समाचार चैनलों एवं वेब पोर्टल में जारी किया गया समाचार तथ्यहीन है।