विशेष संवादाता, रायपुर
आदिवासी आरक्षण के मसले पर भाजपा अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। शनिवार को पार्टी के बड़े नेता इसी मुद्दे पर सड़क पर उतरे। भाजपा नेताओं ने एकात्म परिसर से पैदल मार्च किया और राजभवन जाकर इस मसले पर राज्यपाल से मिले। आरक्षण मुद्दे पर सर्कार को घेरने की रणनीति बनाने शुक्रवार की शाम कोर ग्रुप की बैठकर रखी गई थी। बैठक में अजय जामवाल, डॉ रमन, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, सांसद सरोज पांडे समेत बड़े नेता शामिल हुए थे। आज पैदल मार्च में भी सांसद, विधायक, संगठन के मुख्य पदाधिकारी शामिल हुए।
भाजपा का प्रतिनिधिमंडल एकात्म परिसर भाजपा कार्यालय से शनिवार दोपहर 3:30 बजे पैदल मार्च किया। राजभवन पहुंचकर बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। हाथों में तख्ती लिए कांग्रेस की भूपेश सरकार की आरक्षण और आदिवासी विरोधी नीतियों के खिलाफ स्लोगन भी लिखा था। पैदल मार्च की अगुवाई प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव कर रहे थे। राज्यपाल से मिलकर आरक्षण को लेकर सर्कार की नीतियों के खिलाफ और आरक्षण के संबंध में बीजेपी ने ज्ञापन भी सौंपा। वहां से आने के तुरंत पश्चात प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में शाम 6 बजे प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया।
बिलासपुर हाईकोर्ट ने आदिवासियों के आरक्षण को घटा दिया है। पहले राज्य में 32 प्रतिशत आरक्षण था, जिसे 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इसलिए आदिवासी समाज नाराज है और भाजपा इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है। भाजपा ने आरोेप लगाया कि प्रदेश ऐसा राज्य बन गया, जहां किसी समुदाय से उनका आरक्षण छीना गया हो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण पर कहा है कि आदिवासियों को उनका अधिकार मिलकर रहेगा, हमारी सरकार हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट गई है।
छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मसले पर बीते शनिवार दोपहर से अलग-अलग क्षेत्रों में हाईवे पर भाजपा ने चक्काजाम कर अपना विरोध जताया था। बीजेपी के इस प्रदर्शन से हाईवे पर आने-जाने वाले लोग काफी परेशानी होते रहे। कोंडागांव में भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, पूर्व मंत्री लता उसेंडी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भाजपा नेता सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन किया था। करीब दो घंटे तक हाईवे जाम रहा था। ये प्रदर्शन सरगुजा, दुर्ग और बस्तर संभाग में किया गया था।