0शमी इमाम
कोरबा। प्रतिभावान आदिवासी बच्चों के लिए संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, छुरीकला के अधीक्षक के कथित तानाशाही रवैये से यहां के छात्र काफी भयभीत हैं। अधीक्षक ललित सिंह द्वारा यहां रात के वक्त “जन अदालत” लगाकर जूनियर छात्र को सीनियर छात्रों से पिटवाने का मामला सामने आया है, जिसकी शिकायत पीड़ित छात्र के पिता ने कलेक्टर से की है।
कोरबा-कटघोरा मार्ग पर स्थित ग्राम छुरीकला में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित है, जहां पढ़ रहे एक छात्र के पिता ने आज जन चौपाल में सौंपे गए ज्ञापन में लिखा है कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय छुरीकला में उसका पुत्र पढ़ाई कर रहा है। 28 जनवरी को रात्रि 10 बजे हॉस्टल अधीक्षक ललित सिंह के द्वारा “जन अदालत” लगाकर सभी बच्चों के बीच में सीनियर छात्र से उसके बेटे को चप्पल से बुरी तरह पिटवाया गया है। इतना ही नहीं मारते समय गाली-गलौज भी किया गया। इस पिटाई के चलते उसके पुत्र को चलने-फिरने में काफी परेशानी हो रही है।
TRP संवाददाता ने जब इस संबंध में पीड़ित छात्र के पिता से फोन पर जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि उनके पुत्र ने प्राचार्य वीरभद्र सिंह पैंकरा से जरुरी काम को लेकर छुट्टी मांगी तब प्राचार्य ने कहा कि वह अपने काम निपटा कर उसी दिन स्कूल लौट आये, मगर छात्र घर से वापस नहीं लौटा। अगले दिन छात्र जब विद्यालय पहुंचा तब उसे प्रवेश करने से रोकते हुए प्राचार्य द्वारा पालक को बुलाने को कहा गया। पिता ने यहां पहुंच कर प्राचार्य से बात की। फिर समझाइश के बाद बच्चे को अंदर जाने दिया गया। पिता का कहना है कि इसी दिन रात के वक्त अधीक्षक ललित सिंह ने सभी बच्चों की बैठक ली और और इस दौरान सीनियर छात्रों के माध्यम से उसके बच्चे को चप्पल से पिटवाया। शिकायत पत्र में पिटाई करने वाले छात्रों का नाम भी दिया गया है। पीड़ित के पिता ने बताया कि अधीक्षक द्वारा आये दिन इसी तरह रात के वक्त बच्चों की बैठक ली जाती है और बच्चो को प्रताड़ित किया जाता है, इसीलिए उसने इस बैठक को “जन अदालत” का नाम दिया और शिकायत में इस शब्द का उल्लेख किया है।
शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि उसके पुत्र को मारते समय कुछ बच्चों के द्वारा आपत्ति जताये जाने पर उनको भी चप्पल से मारा गया है। इस वजह से सभी बच्चे दहशत में हैं। उसके मुताबिक जब से ललित सिंह को अधीक्षक बनाया गया है, तब से जन अदालत शुरू हुआ है। अधीक्षक ललित सिंह हमेशा धमकी देता है कि “मैं क्या करता हूं,अच्छी तरह जानते हो।” पीड़ित के पिता के मुताबिक यह बात प्राचार्य और मेरे सामने अधीक्षक द्वारा बोला गया है। उसने लड़के को पिटवाने वाले अधीक्षक ललित सिंह एवं मारने वाले सीनियर छात्रों पर उचित कार्यवाही की मांग की है।
शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि उसने कलेक्टर से शिकायत से पहले प्राचार्य वीरभद्र सिंह पैंकरा से भी शिकायत की, मगर उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन देने की बजाय उलटे अपनी लाचारी दर्शाते हुए यह कहा कि “मुझे ही यहां से हटवा दो।” इसके बाद ही उसने कलेक्टर से शिकायत की।
पीड़ित के पिता ने बताया कि कलेक्टर से जन चौपाल में शिकायत के बाद अधिकारी हरकत में आये। कोरबा जिले में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, छुरीकला आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत आता है। जहां बतौर सहायक आयुक्त पदस्थ माया वारियर को कलेक्टर ने शिकायत के संबंध में दिशानिर्देश दिया, जिसके बाद ही पीड़ित छात्र को जिला अस्पताल कोरबा में भर्ती करवाया गया। इस संबंध में हमने सहायक आयुक्त माया वारियर से दूरभाष पर जानने का प्रयास किया मगर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
इस गंभीर मामले को लेकर जब TRP संवाददाता ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्रावास अधीक्षक ललित सिंह से जानकारी चाही तो उसने इस तरह की घटना से सिरे से इंकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया। उसका कहना है कि छात्रों ने ही आपस में मारपीट की है और उसे फंसाया जा रहा है। विद्यालय के बच्चों से इसके बारे में पूछा जा सकता है। ललित सिंह का कहना है कि हर शनिवार की रात विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है और इसमें सारे बच्चे एकत्र होते हैं, वह अलग से कोई बैठक नहीं करवाता।
बहरहाल इस मामले की शिकायत के बाद पीड़ित बच्चे को अस्पताल में दाखिल कराया गया है, वहीं कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच भी शरू हो जाएगी। इस दौरान किस तरह का सच सामने आता है, यह तो जांच के बाद ही खुलासा हो सकेगा।
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