रायपुर। नाबार्ड पोषित योजना की 107 लाख रुपए के गबन करने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने उद्यानिकी विभाग के तत्कालीन संहायक संचालक निधान सिंह कुशवाहा, मेमर्स जय गुरुदेव के प्रोपराइटर सतीश जिंदल रायपुर व किसान एग्रोटेक प्रोपराइटर जिग्नेश पटेल दुर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।
टीआरपी ने पहले ही इस हेराफेरी का खुलासा अपनी खबरों के माध्यम से कई बार किया था। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। मामले की जांच की गई। मामले की सत्यता के बाद संचालक उद्यानिकी एवं पक्षेत्र वानिकी नवा रायपुर ओर से एफआईआर के निर्देश जारी हुए।
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बता दें कि पॉली हाउस का निर्माण केवल कागजों में ही जारी था। छत्तीसगढ़ में सरकार किसानों को उद्यानिकी फसलों को बेहतर बनाने के लिए उन्हें ग्रीन हाउस और पॉलीहाउस बनाकर दे रही है। मगर वहीं विभाग के अफसर ठेकेदारों के साथ मिलकर पॉलीहाउस की जगह ग्रीन हाउस बना रहे हैं और इसके एवज में मिलने वाली सब्सिडी की रकम उनके जेब में जा रही है। इतना ही नहीं विभाग के कर्मचारी इस घोटाले के लिए रविवार को भी काम करते थे। टीआरपी ने इस पूरे घोटाले को दस्तावेजों के साथ खबरों में प्रकाशित किया था।
महासमुन्द के 17 कृषिक हितग्राहीयों शेड नेट हाऊस का एवं 66 पैक हाऊस कृषक हितग्राहीयों को राज्य शासन के राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं नाबार्ड पोषित योजना के अंतर्गत प्राप्त अनुदान की राशि एवं जीएसटी की राशि कुल 107.178 लाख लगभग की राशि में अनिमितता तथा धोखाधडी कर आहरण करने किया गया।
जिले के कृषकों को देय अनुदान राशि शेड नेट हाऊस में 253.0376 लाख एवं पैक हाऊस के लिये 42.00 लाख कुल 107.178 लाख राशि तत्कालीन सहायक संचालक उद्यान महासमुन्द निधान सिंह कुशवाहा को प्राप्त् हुआ था, जिसमें उसके द्वारा अन्य आरोपीगण मेसर्स जय गुरूदेव के प्रोपाईटर सतीश जिंदल रायपुर समेत अन्य प्रतिष्ठान शामिल हैं।
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