तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 40 हजार से ज्यादा हो गई है। भारत इस प्राकृतिक आपदा में ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्की और सीरिया की मदद कर रहा है। भारत से तुर्की पहुंची 45 सदस्यों की एनडीआरएफ टीम ने कई लोगों की जिंदगियां बचाई हैं। वहीं, एनडीआरएफ की टीम भूकंप प्रभावित तुर्किये में 10 दिन ऑपरेशन दोस्त के जरिये प्यार और अपनेपन का पैगाम देकर एनडीआरएफ टीम शुक्रवार को लौट आई।
तुर्किये ने कहा- मदद के लिए भारतीय मित्रों का आभार
राष्ट्रीय राजधानी स्थित तुर्किये दूतावास ने मदद के लिए भारतीय मित्रों का आभार जताया। साथ ही कहा कि आपदा पीड़ित लोगों को ठंड से बचाने के लिए टेंट की तत्काल जरूरत है। नई दिल्ली स्थित तुर्किये दूतावास ने ट्विट किया- भारत के प्रिय दोस्तों, हम आपकी मदद व एकजुटता के लिए आपके आभारी हैं। आपदा पीड़ित लोगों को ठंड से बचाने के लिए हमें टेंट की तत्काल जरूरत है और यह हमारी प्राथमिकता है। एक अन्य बयान में दूतावास ने कहा, हमारी भंडारण क्षमता पूरी हो चुकी है। किसी भी प्रकार की सामग्री दान देने से पहले कृपया दूतावास को मेल आईडी-embassy.newdelhi@mfa.gov.tr पर संपर्क करें। समन्वय के बिना किसी भी प्रकार की दान सामग्री स्वीकार नहीं की जाएगी, क्योंकि हमारे पास उनके भंडारण की क्षमता नहीं बची है।
राहत कार्य के बाद स्वदेश लौटी एनडीआरएफ की टीम
भूकंप पीड़ित तुर्किये में अथक परिश्रम व मानवता के प्रति समर्पण से लोगों का दिल जीतने वाले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का 47 सदस्यीय पहला दस्ता 10 दिनों की सेवा के बाद शुक्रवार को स्वदेश लौट आया। दस्ते में दो सदस्यीय स्वान दल भी शामिल है। इसके सदस्य रैंबो व हनी की खोजी शक्ति ने मलबे में दबे कई लोगों को नई जिंदगी दी। उधर, दल प्रमुख के साथ टीम के 54 अन्य सदस्य भी स्वदेश वापसी के लिए रवाना हो चुके हैं।