तुर्की : 6 फरवरी को तुर्की और सरिया में आये भूकंप ने तबाही मचा दी है। अब तक इस भूकंप से 30 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवा दी है। वहीं रविवार को एक बार फिर तुर्की में भूकंप आया है। बता दें कि तुर्की के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र कहरामनमरास में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 मापी गई। बता दें कि वैज्ञानिकों के मुताबिक तुर्की में अभी भूकंप का खतरा पूरी तरह नहीं टला है।
दूसरी ओर तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 30 हजार से ज्यादा पहुंच गई है। संयुक्त राष्ट्र ने रविवार को सीरिया के भूकंपग्रस्त क्षेत्रों में बेहद जरूरी सहायता पहुंचाने में हो रही विफलता की निंदा की और साथ ही ये भी चेतावनी दी कि भूकंप से मरने वालों की संख्या 34,800 से अधिक हो सकती है।
जैसे-जैसे रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है। मृतकों और घायलों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। सैकड़ों जमींदोज इमारतों के मलबे में फंसे लोगों को निकाले जाने का सिलसिला जारी है।विनाशकारी भूकंप से तुर्की के 81 प्रांतों में से 10 में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। कुछ गांवों तक कई दिनों तक नहीं पहुंचा जा सका। 6,000 से अधिक इमारतें ढह गईं और तुर्की के एएफएडी आपदा प्राधिकरण के कर्मचारी स्वयं भूकंप में फंस गए। शुरूआती घंटे महत्वपूर्ण थे, लेकिन सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थी, खोज और बचाव दल दूसरे या तीसरे दिन तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते दिखाई दिए। तुर्की को लगभग किसी भी अन्य देश की तुलना में भूकंप का अधिक अनुभव है, लेकिन मुख्य स्वयंसेवक बचाव समूह के संस्थापक का मानना है कि इस बार, राजनीति रास्ते में आ गई।
सीएनएन ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि वह उत्तर पश्चिमी सीरिया में लोगों को सहायता भेजने के लिए अंतिम मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है, जहां देश के लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध नियंत्रण क्षेत्र और सहायता वितरण में विद्रोही समूहों के बाधाओं का सामना करना पड़ा है।
संगठन ने रविवार को कहा कि डब्ल्यूएचओ को उम्मीद है कि उसके महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस जल्द ही विनाशकारी भूकंप से प्रभावित इन क्षेत्रों में यात्रा करने में सक्षम होंगे। टेड्रोस और डब्ल्यूएचओ के शीर्ष अधिकारियों की एक टीम मानवीय सहायता विमान से 290,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य की ट्रॉमा इमरजेंसी और सर्जिकल किट लेकर शनिवार को अलेप्पो पहुंची थी।