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Unipol Scam Of Raipur Municipal Corporation -अपनों के ही घोटाले की जांच में जुटा नगर निगम
विशेष संवादाता
रायपुर। नगर निगम रायपुर को 27 करोड़ रूपये की क्षति पहुँचाने वाले अपनों के खिलाफ ही रायपुर महापौर, कमिश्नर और जांच समिति के सदस्यों की बैठक हुई। इनशॉट यूनिपोल और स्मार्ट टॉयलेट में की गई अनियमितता की जांच शुरू हो गई है। पहली बैठक में ठेका, टेंडर, भुगतान और नियम विरुद्ध कार्यों पर बिंदुवार चर्चा की गई, लेकिन जांच समिति इस कथित घोटाले की रिपोर्ट और दोषियों का अपराध कब तक तय कर लेगी यह तय नहीं है। बैठक में MIC सदस्य ज्ञानेश शर्मा, श्रीकुमार मेनन, सहदेव व्यवहार, अंजनी विभार और निगम के अधिकारी मौजूद रहे।
जानकारी के मुताबिक यूनिपोल और स्मार्ट टॉयलेट की निविदा में हुई गड़बड़ी को लेकर महापौर एजाज ढेबर ने जांच समिति के साथ आज पहली बैठक किये हैं। जिसमे महापौर ने यूनीपोल और स्मार्ट टॉयलेट की निविदा के संबंध में 17 जांच बिंदुओं पर चर्चा की और जांच समिति और अधिकारियों को जांच का निर्देश देते हुए कहा कि जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करें। महापौर ने पूर्व में बताया था की यूनिपोल और स्मार्ट टॉयलेट की निविदा में हुई गड़बड़ी से नगर निगम रायपुर को लगभग 27 करोड़ के राजस्व नुकसान हुआ है।
घोटाले से पर्दा उठाएंगे जांच के ये 17 बिंदु
यूनिपोलों का साइज क्यों बढ़ाया गया? जबकि निविदा कंडिका 11 में स्पष्ट लिखा है की साइज नहीं बदल सकते और एजेन्सी के सुझाव के आधार पर कब से निविदा बदलाव होने लगी, यदि साइज और यूनिपोलों में वृद्धि करनी ही थी तो नई निविदा क्यों नहीं ली गयी?
यूनिपोल की निविदा चर्चा के लिए डब में क्यों नहीं आयी? जैसा की निविदा प्रक्रिया की नोट शीट के कुछ खण्डों में उल्लेखित अनुसार राजस्व प्राप्ति की गणना की गयी है ऐसे में यह विषय डब में आना चाहिए था।
निविदा चर्चा में क्यों नहीं आई एवं अनुबंध स्टाम्प पेपर क्रमांक 985298 में निविदा अवधि उल्लेखित होने के उपरांत भी क्यों निविदा वृद्धि दी गयी ?
क्या केवल एजेसियों के सुझाव मात्र से चलती हुई निविदा में अवधि वृद्धि बिना डब् में चर्चा किए बगैर दी जाएगी?
एजेंसी ग्रैफेल मीडिया के अनेकों चेक बाउंस हुए है जिसको अधिकारियों द्वारा नोट शीट में उल्लेखित भी किया गया है और निविदा राशि का 30 प्रतिशत जो 15 दिनों के अंदर देना था उसमें क्यों समय की छूट देकर ली गयी ?
चेक बाउंस जैसे गंभीर विषय में अधिकारीयों ने एजेंसी को काली सूची में क्यों नहीं डाला ? जो चेक बाउंस हुआ है वह चेक 15 दिनों के अंदर ली जाने वाली 30 प्रतिशत निविदा राशि का चेक है नोट शीट क्रमांक 37 ऐसे में निविदा रद्द क्यों नहीं हुई ?
ग्रेसफुल मीडिया को पहला कार्यादेश 18.11.2019 से 26.06.2021 डेढ़ साल कार्यादेश दिया गया फिर, निविदा वृद्धि उपरांत 27.11.2021 को नया कार्यादेश दिया गया। क्या 26.06.2021 से 27.11.2021 राजस्व की गणना की गयी है ?
निविदा शर्त में 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि प्रावधान है परन्तु डेढ़ साल बाद क्यों वही निविदा दर में कैसे अवधि बढ़ा कर दी गयी ?
ग्रुप डी तेलीबांधा चैक से भारत माता चैक से पंडरी का मार्ग बिना किसी आधार के परिवर्तित क्र पंडरी से अम्बुजा माल रोड से परिवर्तित किया गया बिना किसी तथ्य लिखित आधार के और कंडिका 9 का उलंघन कैसे हुआ है ?
सामान्य मार्गों की दर कैसे मुख्य मार्गों में यूनिपोल लगाकर, क्या राजस्व का हानि नहीं हुई है ? उदाहरण निविदा की ग्रुप डी का मार्ग परिवर्तन होना।
इस निविदा में अभी तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है जानकारी देवें? वित्तीय वर्ष 20-21, 21-22, 22-23।
सभी अधिकृत एजेंसियों का कितना बकाया शुल्क है कृपया अति शीघ्र इसकी जानकारी देवें
क्या राजस्व की गणना सही से की गयी है क्योंकि जब निविदा जारी की गयी थी तब ना तो निविदा संशोधन के अखबार के विज्ञापन में जिक्र है और ना ही अनुबंध में और संशोधित निविदा में दो फलक विज्ञापन लगाए जा सकेंगे ऐसा उल्लेखित है, क्या यह भ्रामक नहीं है? क्यूंकि यदि आप किसी भी निविदा में देखे तो ज्ञापनों में स्पष्ट फलकों का जिक्र स्पष्ट रहता है, दर अनुसार ली जाती है।
ऐसी अस्पष्टता, भ्रामक शब्दों के उपयोग और त्रुटियों के कारण निगम को पहुंची क्षति
रिवेन्यू शेयरिंग मॉडल के अनुसार जारी हुई निविदा में निगम को एजेंसियां कितना रिवेन्यू शेयर करेंगी ?
जब कंडिका 21 में उल्लेखित है की यूनिपोल टॉयलेट के आजु-बाजू लगेंगे तो कैसे यूनिपोलों का स्थान परिवर्तित किया गया ?
18 टॉयलेट के साथ प्रत्येक टॉयलेट के आजु बाजू दो-दो यूनिपोल की शर्त थी यानि 36 यूनिपोल, फिर कैसे 51 यूनिपोल के सुझाव और शर्त मंजूर कर ली गयी।
अधिकारियों ने सफल निविदाकार के दस्तावेज क्यों नहीं जांचे ? निविदा प्राप्तकर्ता के आयकर रिटर्न वर्ष 17-18 में 34,00,000/- (रू. 34 लाख) घाटा है तो कैसे एजेंसी को निविदा दी गयी?
सफल निविदाकार घोषित किया गया उनका पंजीयन दिनांक 12/08/2020 वर्ष में ही विभाग द्वारा रद्द किया जा चुका था तो कैसे उसे निविदा दी गयी ?
सफल निविदा प्राप्त करता ग्रेसफुल मिडिया को 18.05.2021 से पिछले 3 वर्षों का आयकर जमा करना था मगर 17-18, 18-19, 19-20 का ही आयकर दस्तवेज जमा किया वित्तीय वर्ष 20-21 का आयकर रिटर्न क्यों नहीं किया है?
जब नोट शीट पेज क्रमांक 41 में लिखा है की यूनिपोल टॉयलेट निर्माण के बाद ही लगाएं तो कैसे और अलग अलग जगह कितने यूनिपोल लगाए गए ? अभी तक 6 ही टॉयलेट का लोकार्पण हुआ है
इस निविदा में अभी तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है जानकारी देवें?
अधिकारीयों ने राजस्व की गणना कैसे की है ? कहाँ यूनिपोल लगेंगे ये अधिकारियों ने चिन्हित किया है क्या ?
जिस राशि में निविदा स्वीकृत हुई है क्या उस में स्मार्ट टॉयलेट की गुणवत्ता का ऑडिट हुआ है क्या ?
एक औसत दर से यदि गणना की जाये तो क्या 299 रुपये की मामूली दर पर यूनिपोल लगाने की अनुमति देकर क्या राजस्व की गणना की क्या ? इसका उदाहण सिटी बस स्टॉप 903 रूपये वर्ग फीट में दी गयी, ऐसे कई मुख्य मार्ग है जिसमे दरों का आंकलन सही नहीं किया।